क्राइम ब्रांच पुलिस ने दो ऐसे शातिर चोरों को गिरफ्तार किया है, जो पुलिस की वर्दी पहन करते थे वारदात
शातिर चोरों गिरफ्तार
भोपाल क्राइम ब्रांच पुलिस ने दो ऐसे शातिर चोरों को गिरफ्तार किया है, जो पुलिस की वर्दी पहन वारदात करते थे। आरोपियों के पास CISF (Central Industrial Security Force) के SI की वर्दी और नकली पिस्टल मिली है।आरोपियों ने 9 चोरियों का खुलासा किया है, साथ ही उनसे 10 लाख का चोरी का माल भी बरामद हुआ है। इनका एक साथी फरार है, जो चोरी का माल खपाता था। पुलिस ने आरोपियों को तब पकड़ा, जब दोनों वर्दी में सूने मकानों की रैकी कर रहे थे। उन्होंने वर्दी ठीक से नहीं पहन रखी थी, इसीलिए पुलिस को उन पर शक हो गया। आरोपियों ने वर्दी एक दरोगा के घर से ही चुराई थी।
आईकार्ड मांगा तो फंस गए
क्राइम ब्रांच एडिशनल DCP शैलेंद्र सिंह चौहान ने बताया कि कस्तूरबा अस्पताल के सामने BHEL क्वार्टरों के पास बने सूने मकानों पर पुलिस की वर्दी में आरोपी ताक-झांक कर रहे थे। मौके पर पहुंची पुलिस ने दोनों से आइडेंटिटी कार्ड दिखाने को कहा तो आनाकानी करने लगे। सख्ती करने पर बोले चोरी करने के इरादे से घूम रहे हैं।
कई इलाकों में की वारदात
गिरफ्त में आए दोनों आरोपियों में से एक जुबेर मंसूरी (37) भीम नगर झुग्गी, अरेरा हिल्स इलाके में तो दूसरा शुभम आट्या (28) प्रेस कॉम्प्लेक्स इलाके में झुग्गी के पास रहता है। पूछताछ में इन्होंने अयोध्या नगर, ऐशबाग, गोविन्दपुरा, बागसेवनिया इलाकों में चोरी की वारदातें स्वीकार की हैं। जुबेर का भाई शाहरुख फरार है। वह चोरी का माल इंदौर में खपाता था।
वारदात का तरीका
आरोपी पुलिस की वर्दी पहनकर बाइक से कॉलोनियों में सूने मकानों की रैकी करते थे। रात होते ही ऑटो लेकर घटना को अंजाम देते। पुलिस की वर्दी पहने होने की वजह से लोग इन पर संदेह नहीं करते थे। वर्दी पहनने की वजह आरोपियों ने यह बताई कि साधारण कपड़ों में रैकी में कई बार पुलिस की टोका-टाकी और पूछताछ का सामना करना पड़ता था। इसके अलावा चोरी में काम आने वाले हथियार साथ होने की वजह से लोग भी पूछताछ करते हैं।
वर्दी दरोगा के घर से चुराई
आरोपियों ने बताया कि CISF की जिस वर्दी पहनकर वो वारदात कर रहे थे, वो भी चोरी की है। उसे उन्होंने भोपाल के गोविंदपुरा इलाके में रहने वाले CISF के दरोगा दयाशंकर भधकारे के घर में चोरी करते वक्त अन्य सामान के साथ चुराया था। उन्हीं की वर्दी पहनकर आरोपी रैकी करते थे। शाहरुख मंसूरी चोरी किए गए घरेलू सामान को इंदौर में ठिकाने लगाने का काम करता है। चोरी किए गए माल को वह मोहल्ले और कॉलोनी के फुटकर ग्राहकों को बेच देता है। शाहरुख 8वीं तक पढ़ा है। जबकि शुभम बी.कॉम. कर चुका है।