भोपाल न्यूज़: पिछले कुछ सालों में एजुकेशन फील्ड में बड़े बदलाव हुए हैं. इंडस्ट्री की मांग के अनुसार नए क्षेत्रों में युवाओं का रूझान है. हायरिंग एजेंसी स्किल्ड फोर्स की मांग ज्यादा है और इन्हें सीखने के लिए युवा शॉर्ट टर्म कोर्सेस में रुचि ले रहे हैं. एक्सपर्ट्स के अनुसार 3 से 6 महीने के शॉर्ट-टर्म कोर्स करने में युवाओं की रुचि बीते वर्ष की तुलना में 25 से 30 फीसदी तक बढ़ी है. विशेष तौर पर डिजिटल मार्केटिंग के कोर्सेज युवाओं को लुभा रहे हैं. सोशल मीडिया को और बेहतर समझने और इसी क्षेत्र में अपना भविष्य बनाने के लिए छात्र डिजिटल मार्केटिंग से जुड़ रहे हैं. समर वेकेशन में भी इस तरह के कोर्सेस की मांग बढ़ी है. किन कोर्स की मांग ज्यादा और क्यों है.
कई कोर्स ऑनलाइन फ्री में भी अवेलेबल: टेक्नोलॉजी, बैंकिंग और डिजिटल मार्केटिंग के क्षेत्र में इस तरह के अलग-अलग कोर्स करने वाले युवाओं की मांग है. शुरुआती अनुभव के लिहाज से यह कोर्स मददगार हैं.
सोशल मीडिया को और बेहतर समझने और इसी में करियर बनाने के डिजिटल मीडिया से जुड़े तमाम कोर्स कर रहे हैं. 12वी से लेकर पोस्ट ग्रेजुएट और आइटी प्रोफेशन्स तक इसमें शामिल हैं.
देवेंद्र कुमार गौर, डिजिटल मार्केटिंग एक्सपर्ट
इन कोर्सेस की डिमांड अधिक
● प्रोडक्ट मेनेजमेंट
● सेल्स एंड मार्केटिंग क्म्युनिकेशन
● डेटा साइंस
● डिप्लोमा इन क्लाउड कम्प्यूटिंग
● बिजनेस एनालिटिक्स
● डिप्लोमा इन हेल्थ एंड फिटनेस
● सर्टिफिकेट इन एसइओ
● स्पेशलाइजेशन इन ऑनलाइन एडवरटाइजिंग
ई-कॉमर्स कंपनियों और स्टार्टअप में हुई वृद्धि के कारण वेबसाइट डवलपमेंट, डेटा एनालिटिक्स, ग्राफिक डिजाइनिंग एवं प्रोजेक्ट मैनेजमेंट जैसे सर्टिफिकेट की मांग बढ़ी है. ये फ्यूचर की डिमांड है. बेहतर करियर ऑप्शन है.
याशिका, करियर काउंसलर
90 फीसदी ब्रांड्स डिजिटल मार्केटिंग प्रीफर करते हैं. इसलिए इसमें स्कॉप है. हायरिंग के दौरान स्किल्स, एक्सपीरिएंस और प्रेक्टिल नॉलेज जरूरी है. संस्कार सिंह, डिजिटल मीडिया एक्सपर्ट