जबलपुर हाईकोर्ट के माननीय जस्टिस जीएस अग्रवाल ने अपने फैसले में छतरपुर के पूर्व कलेक्टर शीलेंद्र सिंह और जिला पंचायत के सीईओ अमर बहादुर सिंह को कोर्ट के आदेश को न मानने पर दोषी करार दिया है। आगामी 11 अगस्त को उनकी सजा का एलान किया जाएगा। दोनों अधिकारियों को व्यक्तिगत रूप से कोर्ट में मौजूद रहने के लिए निर्देश दिए गए हैं।
मिली जानकारी के अनुसार, छतरपुर स्वच्छता मिशन के तहत रचना द्विवेदी जिला समन्वयक को छतरपुर से बड़ामलहरा स्थानांतरित कर दिया गया था। संविदा नियुक्ति में स्थानांतरण करने का कोई प्रावधान नहीं है। उसके बावजूद भी याचिका कर्ता को बड़ामलहरा स्थानांतरित किया गया था। इस स्थानांतरण के खिलाफ याचिकाकर्ता ने हाईकोर्ट में एक याचिका दायर की थी, जिस पर माननीय न्यायालय के द्वारा स्थगन आदेश रचना त्रिपाठी को मिल गया था। रचना त्रिपाठी के बड़ामलहरा में ज्वाइन न करने के कारण उसे सेवा से पृथक कर दिया गया था। उसके खिलाफ उसने दोबारा न्यायालय में शरण ली और न्यायालय को अपने अधिवक्ता के माध्यम से बताया कि न्यायालय के आदेश का पालन नहीं हो रहा है और याचिकाकर्ता को नौकरी से निकाल दिया गया है। अन्य किसी व्यक्ति को अपीलार्थी की जगह सेवा में रखा गया है।
न्यायालय ने पूर्व कलेक्टर शीलेंद्र सिंह और जिला पंचायत के तत्कालीन अपर कलेक्टर एवं जिला सीईओ अमर बहादुर सिंह को 11 अगस्त को व्यकितगत रूप से उपस्थित होने के निर्देश दिए हैं। इस तारीख को उन्हें न्यायालय सजा क्या सुनाती है, यह न्यायालय ने अपने पास फैसला रखा हुआ है। जिले में पहली बार किसी कलेक्टर और अपर कलेक्टर को न्यायालय की अवहेलना के मामले में दोषी करार दिया गया है और न्यायालय उन्हें सजा क्या देती है, इसके लिए 11 तारीख रखी गई है।
इस संबंध में याचिकाकर्ता रचना द्विवेदी से दूरभाष पर चर्चा हुई तो उन्होंने कहा कि दोनों जिले के वरिष्ठ अधिकारियों के पास में लगातार ज्वाइनिंग करने के लिए चक्कर लगाती रही। परंतु इन अधिकारियों ने न्यायालय के आदेश को ठोकर मार दी और मेरी ज्वाइनिंग नहीं कराई। मुझे न्यायालय पर भरोसा था, इसलिए मैं न्यायालय की शरण में गई और मुझे आपके माध्यम से पता चला है कि मेरे पक्ष में न्यायालय ने आदेश किया है। दोषी अधिकारियों के खिलाफ इसी प्रकार की सख्त कार्रवाई होना चाहिए।