महिला की मौत के बाद जिला Hospital में परिजनों ने जमकर किया हंगामा

Update: 2024-09-25 12:25 GMT
Raisen रायसेन।थाना कोतवाली के अंतर्गत माना गांव निवासी सितारा बी पति शफीक खान उम्र 38 छाती में दर्द घबराहट की शिकायत होने पर परिजनों ने रात 10 बजे जिला अस्पताल में भर्ती कराया था। मरीज सितारा बी को ड्यूटी डॉक्टर ने जनरल वार्ड में भर्ती करके रखा। महिला मरीज की इलाज में लापरवाही के चलते मौत बुधवार को सुबह 5 बजे हुई ।मृतिका के एक लड़का और 2 लड़कियां हैं।इसके बाद सुबह 7.30 बजे सूचना मिलते पुलिस अधिकारी तहसीलदार अस्पताल पहुंचे और समझाइश की कोशिश करते रहे।
थाना कोतवाली रायसेन के तहत माना गांव की एक 38 वर्षीय महिला की बुधवार को अलसुबह 5 बजे मौत हो गई।महिला सितारा बी पति शफीक खान 38 वर्ष निवासी माना को मंगलवार की रात करीब 10 बजे परिजनों ने जिला अस्पताल के महिला वार्ड में दाखिल कराया था। परिजनों के मुताबिक सितारा बी को घबराहट और छाती में जलन होने की वजह से उपचार के लिए भर्ती कराया गया था।ड्यूटी डॉक्टर बोले सितारा बी की तबीयत नार्मल है।जबकि सितारा बी मरने से पहले बोल रही थी मुझे बचा लो छाती में तेज जलन और घबराहट हो रही है।फिर परिजनों ने डॉक्टरों से कहा आप सितारा बी को आईसीयू वार्ड में दाखिल करवा दें।लेकिन डॉक्टरों की मनमानी और घोर लापरवाही की जाती रही और तबीयत नार्मल होने का बहाना बनाते रहे।रातभर उसे जनरल वार्ड में भर्ती करके रखा।आखिरकार महिला सितारा बी 38 ने सही इलाज ना मिलने के अभाव में दम तोड़ दिया।
जिला अस्पताल में हुआ जमकर हंगामा.... मौके पर पहुंची पुलिस
महिला सितारे सितारा भी की मौत के बाद बुधवार को सुबह 7.30 बजे मृतिका के परिजन रिश्तेदार सहित गांव की भीड़ जिला अस्पताल पहुंच गई। इस दौरान रिश्तेदार और परिजन डॉक्टर और अस्पताल प्रबंधन पर लापरवाही मनमानी के आरोप भी लगाए।वह बोले कि दोषी डॉक्टर पर कानूनी कार्रवाई की जाए हमें इंसाफ दिलाया जाए। इसके बाद परिजन बिफर पड़े। ऐसी स्थिति में पुलिस अधिकारियों और पुलिसकर्मियों ने परिजनों के साथ धक्का मुक्की की और हल्का लाठी से बल प्रयोग किया।दूसरे फ्लोर के चैनल गेट पर ताला डाल दिया। फिर भी परिजन हंगामा करते रहे पर उनकी कोई सुनवाई नहीं हुई। आखिर में मौके पर पहुंचे तहसीलदार डॉक्टर हर्ष विक्रम सिंह एसडीओपी प्रतिभा शर्मा और कोतवाली टीआई संदीप चौरसिया ,एसआई भारत सिंह कस्बा पटवारी सीताराम आदिवासी ने परिजनों को समझाइए दी।अस्पताल में हंगामा लगभग 2 घण्टे चला।तब कहीं जाकर मामला शांत हुआ ।इस दौरान परिजनों ने राजीनामा कर
ते हुए बोले कि ना हम डॉक्टरों और अस्पताल प्रबंधन पर कोई कानूनी कार्रवाई करना चाहते हैं।
आशा कार्यकर्ता भी पलंग पर तड़पती रही.....
शहर के वार्ड 14 निवासी आशा कार्यकर्ता शीला मालवीय को भी इसी रात मुंह से आवाज नहीं निकलने और छाती में जलन होने पर परिजनों द्वारा महिला जनरल वार्ड में भर्ती कराया गया।मृतका सितारा बी के बाजू वाले पलंग पर भर्ती किया गया।शीला मालवीय ने मीडियाकर्मियों को बताया कि वास्तव में ड्यू
टी डॉक्टर ने इलाज में लापरवाही बरती है।अस्पताल प्रबंधन ग तड़पती रही लेकिन उसे सही इलाज नहीं मिला।जिससे उसने दम तोड़ दिया।मैंने ड्यूटी डॉक्टर से सीएमएचओ डॉ दिनेश खत्री से मेरे इलाज के बारे में बात कराने की कोशिश की तो डॉक्टर ने साफ मना कर दिया।मजबूरी में आशा कार्यकर्ता शीला मालवीय एम्बुलेंस से रैफर हो भोपाल के नर्सिंग होम में अपना इलाज कराया।
सितारा बी की मौत के बाद डॉक्टर ने किया नाटक....
पलंग पर भर्ती कुछ मरीजों ने बताया कि बुधवार को सुबह 5:00 बजे जब सितारा भी की मौत हो गई तो ड्यूटी डॉक्टर ने कार्रवाई से बचने के लिए नाटक दिखाए। उसे पलंग पर ले जाकर भर्ती कर दिया ।मुर्दे को बांटल चढ़ा दी ऑक्सीजन आदि लगाकर इंजेक्शन भी लगाए गए।ल जिससे इंसानियत और मानवता शर्मसार हो गई। यह कोई नया मामला नहीं है इसके पहले भी डॉक्टरों की इलाज में लापरवाही पर इतने की वजह से सैकड़ो प्रसूता महिलाओं और पुरुष युवाओं की जाने जा चुकी हैं। यदि समय पर सही जांच और इलाज मिल जाए तो मरीज की जान को बचाया जा सकता है |
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