फिर बदलेगा मौसम: मौसम के तीखे तेवर से गेहूं की फसल प्रभावित होने की आशंका
रायसेन।जिले में एक बार फिर मौसम में बदलाव होगा ।ठंड बढ़ने से गेहूं फसल की ग्रोथ बढ़ेगी। वहीं दानों में भराव भी होने लगेगा। मौसम का असर रबी सीजन की फसलों पर सीधा पड़ता है।
बुद्धवार -गुरुवार को अधिकतम तापमान में चार डिग्री और न्यूनतम तापमान में पांच डिग्री की बढ़ोतरी दर्ज की गई। अधिकतम तापमान 32.5 और न्यूनतम तापमान 13.5 डिग्री दर्ज किया गया। मौसम वैज्ञानिक डॉ. सत्येंद्र तोमर ने बताया कि वर्तमान में हवा पूर्व दिशा से चल रही है। एक से दो दिनों में हवा का रूख उत्तर-पूर्व दिशा से होगा। इससे आसमान में बादल छाने और बूंदाबांदी की संभावना बनेगी। इससे न्यूनतम तापमान में मामूली गिरावट दर्ज की जाएगी।
अधिक तापमान के चलते कमजोर होंगे गेहूं के बीज, सिंचाई एक मात्र उपाय....
मौसम के तापमान में तेजी से हो रही बढ़ोतरी गेहूं की फसल के लिए ठीक नहीं है। अधिक तापमान के चलते गेहूं का उत्पादन प्रभावित होगा। इसको लेकर किसान परेशान हैं। कृषि वैज्ञानिक डॉ स्वप्निल दुबे भी मौसम की वर्तमान स्थिति को फसल के अनुकूल नहीं मान रहे हैं। गेहूं का उत्पादन प्रभावित न हो। इसके लिए किसानों को सिंचाई करने की सलाह दी जा रही है।कृषि विज्ञान केंद्र नकतरा के कृषि वैज्ञानिकों के मुताबिक वर्तमान समय गेहूं की फसल में बीज के पुष्ट होने का है। इसलिए फसल को अभी ठंडे मौसम की जरूरत है। ताकि गेहूं की बालियों में लगे बीज अच्छे से विकसित हो जाएं। अधिक तापमान में गेहूं की बीजों का विकास प्रभावित होगा और वह सूख जाएंगे। इस स्थिति में न केवल उत्पादन बल्कि उपज की गुणवत्ता भी प्रभावित होगी। मौसम का यह रूख देर बोयी गई गेहूं की फसल के लिए ज्यादा नुकसानदायक है। हम आपको यह बता दें कि इस बार गेहूं की बोवनी 2.65 लाख हेक्टेयर में की गई है। जो पिछले वर्ष की तुलना में करीब 80 हजार हेक्टेयर अधिक है। अधिक बोवनी को देखते हुए इस बार अच्छे उत्पादन की उमीद की गई है,।लेकिन मौसम का यह रूख किसानों को डराने वाला है।
फसल में सिंचाई की जरूरत...
फिलहाल जिले में रबी सीजन की मुख्य फसलों गेंहू, चना मसूर आदि के लिए सिंचाई की बेहद जरूरत है।वहीं यूरिया खाद का छिड़काव भी अनिवार्य है।