108 वर्षितप आराधकों की मेघनगर में निकली जयकार यात्रा वागरेचा परिवार ने करवाया सामूहिक पारणा

Update: 2025-02-05 16:08 GMT
Thandla। धर्मदास गणनायक पुज्य प्रवर्तक गुरुदेव श्री जिनेन्द्रमुनिजी म सा की आज्ञानुवर्ती परम विदुषी महासती पूज्या श्री मुक्तिप्रभाजी म सा आदि ठाणा - 9 के पावन सानिध्य में संथारा साधक जैन रत्न स्व. हसमुखलालजी वागरेचा की प्रथम पुण्यतिथि पर तप चक्रेश्वरी स्नेहलता बहन वागरेचा परिवार द्वारा मेघनगर श्री संघ की उपस्थिति मे वर्षीतप करने वाले अंचल सहित अन्य राज्यों के तप आराधकों के सामूहिक पारणें का आयोजन किया। इस दौरान थांदला में चल रहे 72 वर्षीतप आराधकों के साथ ही खवासा, बामनिया, कल्याणपुरा, रम्भापुर, पेटलावद, झाबुआ, रतलाम, इंदौर, खाचरौद, दाहोद, लिमड़ी, संजेली, अंकलेश्वर, सूरत सहित अन्य स्थानों के 108 से अधिक वर्षीतप आराधकों की जयकार यात्रा महावीर भवन से स्नेह वाटिका तक निकाली गई जहाँ वागरेचा परिवार ने आत्मीयता के साथ सभी को पारणा करवाते हुए बहुमान कर प्रभावना प्रदान की वही बाफना व अन्य परिवारों ने भी प्रभावना का लाभ लिया। तपस्वियों ने पारणा करने के पश्चात विराजित महासतियों से धर्म लाभ लिया। उपस्थित धर्मसभा को सम्बोधित करते हुए पूज्या श्री मुक्तिप्रभाजी म सा ने फरमाया की व्यक्ति को एक समय का आहार छोड़ना भी कठिन होता है, संवत्सरी के महापर्व पर एक दिन का उपवास भी कठिन लगता है ऐसे में धन्य है वर्षीतप आरधक जो वर्षभर एक दिन छोड़कर आहार का त्याग करते है।
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उनकी तपस्या सही मायने में कठिन है क्योंकि वे अपनी इंद्रियों पर कंट्रोल करते है। पूज्याश्री ने जैन समाज रत्न हसमुखलाल वागरेचा के बारे में बताते हुए कहा कि यथा नाम तथा गुण के समान वागरेचा का पूरा जीवन धर्म में बिता तभी उनकी अंतिम आराधना भी जागृत अवस्था में संथारें के साथ पूर्ण हुई। उनकी तरह ही उनका पूरा परिवार धर्ममय है व जिन शासन की प्रभावना कर लोगों की मदद कर रहा है। पूज्या   प्रशमप्रभाजी, पूज्या   समप्रभाजी, पूज्या  नित्य प्रभाजी ने भी तप आराधकों के तप अनुमोदना करते हुए के वर्षीतप के अन्य रूप को बताते हुए अन्य प्रकार से छोटे छोटे नियम लेकर वर्षीतप की आराधना करने की प्रेरणा दी। स्थानक भवन में स्थानीय व बाहर से आये मेहमानों ने चौवीसी गाकर तप अभिनन्दन किया। प्रवचन प्रभावना स्नेहलताजी हसमुख लालजी वागरेचा परिवार द्वारा वितरित की गई। वागरेचा परिवार ने इस दिन को सार्थक करते हुए क्रमशः जीवदया में 21000 रुपये,   स्थानकवासी जैन श्री संघ में 11000 रुपये, गोड़ी पार्श्वनाथ एवं गुरु मंदिर मे 11 -11 हजार रुपये दान राशि प्रदान की वही भगोर में उपाश्रय स्थल बनाने की घोषणा की। इस अवसर पर पूज्य   धर्मदास गण परिषद,  नंदाचार्य साहित्य समिति,   धर्मधारा परिवार,   अ. भा. चंदना श्राविका संघ, ऑल इंडिया जैन जर्नलिस्ट एसोसिएशन, जीवदया अभियान आदि कई संगठनों के वरिष्ठ पदाधिकारी गण आयोजन उपस्थित रहे।
उल्लेखनीय है कि इस बार के वर्षीतप आराधकों के सामूहिक पारणें जिन शासन गौरव पूज्य गुरुदेव   उमेशमुनीजी म सा "अणु" की जन्म स्थली थांदला में होने वालें है जिसकी छोटी सी झलक आज मेघनगर में देखने को मिली जिसे देख सभी तपस्वी अभिभूत हो गए। समस्त तपस्वियों व बाहर से आने वालें अतिथियों के आतिथ्य सत्कार का लाभ भी स्नेहलताजी हसमुख लालजी वागरेचा परिवार ने लिया। धर्मसभा का संचालन विपुल धोका ने किया। वर्षीतप आराधकों के तप अनुमोदन के पश्चात पूज्य   नन्दाचार्य समिति पदाधिकारियों की बैठक का भी आयोजन हुआ जिसमें गुरुदेव व उनके शिष्यों के साहित्य प्रकाशन व सदस्यों की वृद्धि के लिए अभियान चलाने पर जोर दिया गया। उक्त समस्त जानकारी संघ प्रवक्ता पवन नाहर ने दी।
स्वास्थ्य शिविर का आयोजन किया रक्त परीक्षण
संथारा साधक हसमुखलाल वागरेचा की प्रथम पुण्य स्मृति दिवस पर आगामी 16 फरवरी को विशाल सर्व रोग निदान शिविर का आयोजन वागरेचा परिवार द्वारा किया जा रहा है जिसमें अहमदाबाद के विशेषज्ञ डॉक्टरों द्वारा उचित परामर्श देते हुए विभिन्न रोगों का निदान किया जाएगा। इस हेतु अधिकांश वर्षीतप आराधकों व अन्य बाहर से आये अतिथियों ने वागरेचा परिवार द्वारा लगाए निःशुल्क रक्त परीक्षण शिविर में अपना रक्त परीक्षण करवाया। जानकारी देते हुए संयोजक पंकज व नीलेश वागरेचा ने बताया कि आज करीब 145 लोगों ने रक्त परीक्षण करवाया है जबकि आगामी 12 फरवरी को भी रक्त परीक्षण के साथ ही ईसीजी, एक्सरे व अन्य जाँच की जाएगी व बीमारी आदि के लक्षण रिपोर्ट में आने पर 16 फरवरी को लगने वालें शिविर में विशेषज्ञ डॉक्टरों के द्वारा निदान करवाया जाएगा। वागरेचा ने कहा कि कोई भी व्यक्ति उक्त शिविर में निःशुल्क पंजीयन करवाकर लाभ उठा सकता है।
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