कर्नाटक सरकार ने लाउडस्पीकर को लेकर जारी किए दिशा-निर्देश, सीएम बोम्मई बोले- बिना परमिशन इसका इस्तेमाल न करें लोग

कर्नाटक में अजान बनाम हनुमान चालीसा विवाद के बाद राज्य सरकार ने लाउडस्पीकर के इस्तेमाल को लेकर दिशा-निर्देश जारी किए हैं.

Update: 2022-05-11 04:04 GMT

फाइल फोटो 

जनता से रिश्ता वेबडेस्क। कर्नाटक में अजान बनाम हनुमान चालीसा विवाद (Hanuman Chalisa Row) के बाद राज्य सरकार ने लाउडस्पीकर के इस्तेमाल को लेकर दिशा-निर्देश जारी किए हैं. इसमें कहा गया है कि जिन लाउडस्पीकरों (Loudspeaker Row) के लिए 'संबंधित प्राधिकारी' से इजाजत नहीं ली गई हो, उन्हें उतारा जाए. राज्य के मुख्य सचिव पी रवि की ओर से अतिरिक्त मुख्य सचिव जावेद अख्तर को जारी नोट में कहा गया है कि वन, पारिस्थितिकी एवं पर्यावरण विभाग ने भी 'संबंधित प्राधिकारी' को परिभाषित किया है. दरअसल, श्रीराम सेना, बजरंग दल (Bajrang Dal) और हिंदू जनजागृति समिति जैसे कुछ हिंदू समूहों द्वारा सुबह के समय अजान की तरह भजन कीर्तन आयोजित किए जाने के बाद विवाद खड़ा हो गया था.

विवाद बढ़ता देख मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई ने सोमवार को एक बैठक बुलाई, जिसके बाद मुख्य सचिव ने अख्तर को पत्र लिखा. मुख्य सचिव ने ध्वनि प्रदूषण (विनियमन और नियंत्रण) नियम, 2000 के कार्यान्वयन के संबंध में सुप्रीम कोर्ट के 18 जुलाई 2005 और 28 अक्टूबर 2006 के आदेश का हवाला देते हुए कहा कि लाउडस्पीकर या सार्वजनिक संबोधन प्रणाली का इस्तेमाल संबंधित प्राधिकारी की अनुमति के बिना न किया जाए.
15 दिन के अंदर संबंधित प्राधिकारी से लेनी होगी अनुमति
कुमार ने पत्र में कहा, 'लाउडस्पीकर या सार्वजनिक संबोधन प्रणाली का इस्तेमाल करने वालों को 15 दिन के अंदर संबंधित प्राधिकारी से अनुमति लेनी होगी. जिनके लिए अनुमति नहीं दी जाएगी, उन्हें स्वेच्छा से या फिर संबंधित प्राधिकारी द्वारा हटा दिया जाएगा.' उन्होंने यह निर्देश भी दिया कि लाउडस्पीकर या सार्वजनिक संबोधन प्रणाली के इस्तेमाल से संबंधित आवेदन पर निर्णय लेने के लिए विभिन्न स्तरों पर एक समिति का गठन किया जाए.
तत्काल प्रभाव से लागू किए जाएंगे दिशा-निर्देश
पुलिस आयुक्तालय क्षेत्रों में, समिति में सहायक पुलिस आयुक्त, नगर निगम के अधिकार क्षेत्र के कार्यकारी अभियंता और राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के प्रतिनिधि शामिल होंगे. अन्य क्षेत्रों में, पुलिस उपाधीक्षक, क्षेत्राधिकारी तहसीलदार और राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड का एक प्रतिनिधि समिति में शामिल होगा. नोट में कहा गया है कि 'यह दिशा-निर्देश उन सभी परिसरों पर लागू होते हैं जो लाउडस्पीकर और सार्वजनिक संबोधन प्रणाली का उपयोग कर रहे हैं. सभी संबंधित प्राधिकारियों को तत्काल प्रभाव से इन्हें लागू करने के लिए आवश्यक सरकारी आदेश या निर्देश जारी किए जाएंगे.'
कानून तोड़ने पर की जाएगी कार्रवाई
आदेश पर प्रतिक्रिया देते हुए, कर्नाटक के पर्यावरण, पारिस्थितिकी व पर्यटन मंत्री आनंद सिंह ने कहा कि धार्मिक संस्थानों को नियम का पालन करना होगा. सिंह ने संवाददाताओं से कहा, 'यदि वे निश्चित समय के बाद प्रतिबंधों से संबंधित कानून तोड़ते हैं, तो कार्रवाई की जाएगी.' मंत्री ने कहा, 'यह दिशा-निर्देश मंदिरों, मस्जिदों, गिरजाघरों या किसी भी विवाह समारोह पर लागू होते हैं. इन पाबंदियों का पालन करना होगा. यदि कोई स्थानीय निवासी शिकायत करता है, तो कार्रवाई की जाएगी.'
इस बीच, श्रीराम सेना के प्रमुख प्रमोद मुतालिक ने सरकार के आदेश का स्वागत किया. मुतालिक ने मीडिया को दिए वीडियो संदेश में कहा, 'मैं अधिसूचना जारी करने के लिए कर्नाटक सरकार का आभार व्यक्त करता हूं. हमने लाउडस्पीकरों के दुरुपयोग के खिलाफ अपने राज्यव्यापी आंदोलन को वापस लेने का फैसला किया है.'
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