हुबली ईदगाह मैदान में ही होगा गणेश चतुर्थी उत्सव, कर्नाटक हाईकोर्ट का फैसला

कर्नाटक उच्च न्यायालय ने मंगलवार को मुस्लिम संगठन की याचिका को खारिज करते हुए राज्य की एक नगर निकाय को हुबली के ईदगाह मैदान में गणेशोत्सव मनाने की अनुमति दे दी।

Update: 2022-08-31 02:18 GMT

फाइल फोटो 

जनता से रिश्ता वेबडेस्क। कर्नाटक उच्च न्यायालय ने मंगलवार को मुस्लिम संगठन की याचिका को खारिज करते हुए राज्य की एक नगर निकाय को हुबली के ईदगाह मैदान में गणेशोत्सव मनाने की अनुमति दे दी। अंजुमन-ए-इस्लाम ने हुबली-धारवाड़ नगर निगम (एचडीएमसी) द्वारा विवादित ईदगाह मैदान में गणेश प्रतिमा स्थापित करने की अनुमति के खिलाफ याचिका दायर की थी।

उच्च न्यायालय की धारवाड़ पीठ ने अपने आदेश में कहा कि नगर निकाय को रमजान और बकरी ईद पर नमाज की अनुमति देने के साथ ही गणेश की मूर्तियों की स्थापना के लिए मैदान देने का अधिकार है। जब मैदान एचडीएमसी के कब्जे और स्वामित्व में है, तो इसे दो दिन छोड़कर 363 दिन अन्य कामों के लिए देने का पूरा अधिकार है। इससे पहले, एचडीएमसी ने अपने हाउस पैनल द्वारा कानूनी विशेषज्ञों से परामर्श करने के बाद अनुमति मांगने पर मैदान में तीन दिनों के लिए गणेश की मूर्ति स्थापित करने की मंजूरी दे दी थी।
हाउस पैनल के कांग्रेस सदस्यों ने गणेश प्रतिमा की स्थापना पर आपत्ति जताई थी। इस बीच देश के नवनियुक्त मुख्य न्यायाधीश यू यू ललित द्वारा गठित तीन-न्यायाधीशों की पीठ ने कर्नाटक वक्फ बोडर् की याचिका को कर्नाटक उच्च न्यायालय में वापस भेज दिया जिसने गणेशोत्सव के लिए बेंगलुरु के चामराजपेट क्षेत्र में ईदगाह मैदान के उपयोग की अनुमति दी थी।
आदेश में कहा गया है,''आज तक यथास्थिति बनाए रखी जाएगी। एकल न्यायाधीश द्वारा मुद्दे उठाए जायेंगे। एसएलपी का निपटारा किया गया।'' कर्नाटक उच्च न्यायालय के फैसले को चुनौती देने वाली सेंट्रल मुस्लिम एसोसिएशन ऑफ कर्नाटक और कर्नाटक स्टेट बोर्ड ऑफ औकाफ (अपीलकर्ता) द्वारा दायर दो अपीलों पर न्यायालय सुनवाई कर रहा था।
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