बेंगलुरु। कर्नाटक के इंफ्रास्ट्रक्च र डेवलपमेंट मंत्री एम.बी. पाटिल ने गुरुवार को उद्योगपतियों से बिजली दरों में बढ़ोतरी पर सरकार के साथ सहयोग करने की अपील की है। बिजली बढ़ोतरी को लेकर राज्य के उद्योगपति बंद कर रहे हैं। मंत्री पाटिल ने पत्रकारों से कहा कि बिजली दरों में बढ़ोतरी कर्नाटक विद्युत नियामक आयोग (केईआरसी) का फैसला था, जो एक स्वतंत्र बॉडी है और इसका सरकार के फैसले से कोई लेना-देना नहीं है।
उन्होंने आगे कहा कि बिजली दरों में बढ़ोतरी का फैसला कांग्रेस सरकार के सत्ता संभालने से काफी पहले भाजपा के कार्यकाल में लिया गया था।
पत्रकारों ने जब मंत्री से बिजली दरों में हालिया बढ़ोतरी पर उद्योग संगठनों द्वारा उठाई गई चिंताओं के बारे में पूछा, तो उन्होंने कहा कि वह इस मामले पर मुख्यमंत्री सिद्दारमैया और बिजली मंत्री जेके जॉर्ज के साथ चर्चा करेंगे।
उन्होंने कहा कि वह जुलाई के पहले सप्ताह में दिल्ली जाकर केंद्रीय मंत्रियों से मिलेंगे और राज्य में औद्योगिक विकास पर चर्चा करेंगे।
उन्होंने कहा, रोडमैप 27 जुलाई तक तैयार हो जाएगा और उसके बाद मैं विभिन्न औद्योगिक परियोजनाओं और प्रस्तावित पहलों पर चर्चा करने के लिए संबंधित केंद्रीय मंत्रियों से मुलाकात करूंगा।
पाटिल ने भारतीय खाद्य निगम (एफसीआई) के माध्यम से राज्य को चावल की आपूर्ति करने पर सहमत नहीं होने के लिए भी केंद्र सरकार की आलोचना की। उन्होंने कहा कि केंद्र गरीबों को बांटे जाने वाले चावल पर राजनीति कर रहा है। कर्नाटक सरकार मुफ्त चावल नहीं मांग रही है।
--आईएएनएस