बंगलुरू (आईएएनएस)| चुनाव हारने के बाद भी कर्नाटक के पूर्व मुख्यमंत्री जगदीश शेट्टर को कांग्रेस तवज्जो देती रहेगी। वो चुनाव से पहले भाजपा से कांग्रेस में आ गए थे, लेकिन अपनी सीट नहीं जीत सके। कद्दावर नेता छह बार के विधायक और भाजपा के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष रह चुके हैं। हाल के विधानसभा चुनाव में हालांकि, वह भाजपा के महेश तेंगिनाकाई से 34,289 मतों से अपनी हुबली-मध्य धारवाड़ विधानसभा सीट हार गए।
हालांकि उत्तर कर्नाटक के लिंगायत बहुल इलाकों में उनके दबदबे के कारण कांग्रेस ने कई सीटों पर जीत हासिल की।
कांग्रेस थिंक टैंक पहले ही पार्टी के राज्य नेतृत्व को बता चुकी है कि लिंगायत बहुल इलाकों में चुनाव जीतने के लिए शेट्टर का बीजेपी से अलग होना कांग्रेस के लिए एक प्रमुख कारण था और इसलिए उन्हें पूरी तरह तवज्जो देना चाहिए।
बसवराज बोम्मई की पिछली भाजपा सरकार में शेट्टर शामिल नहीं हुए थे, यह कहते हुए कि बोम्मई उनसे बहुत जूनियर हैं। कांग्रेस शेट्टर को सरकार में शामिल करने की पूरी कोशिश कर रही है।
कांग्रेस पार्टी के सूत्रों ने आईएएनएस को बताया कि पार्टी के वरिष्ठ नेता शेट्टर के संपर्क में हैं।
टेलीफोन पर आईएएनएस से बात करते हुए शेट्टर ने कहा, मैं बिना शर्त कांग्रेस में शामिल हुआ हूं और पद को लेकर मेरी कोई डिमांड नहीं है।
हालांकि कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं ने निजी तौर पर आईएएनएस से कहा कि पूर्व मुख्यमंत्री को नए मंत्रिमंडल में जगह दी जाएगी, या फिर पार्टी के कार्यकारी अध्यक्ष पद के लिए भी उनके नाम पर विचार किया जा सकता है।
कांग्रेस के सूत्रों के मुताबिक, शेट्टर के राज्य के वरिष्ठ नेताओं के साथ अच्छे संबंध हैं, जिनमें डी.के. शिवकुमार, सिद्दारमैया और अन्य शामिल हैं।
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