रिम्स में तीन महीने बाद कोरोना के दो मरीज भर्ती, जून तक आ सकती है कोरोना की चौथी लहर
चीन और दुनिया के कई हिस्सों के साथ ही देश के पांच राज्यों में कोरोना संक्रमण के बढ़ते मामलों को लेकर केंद्र सरकार ने चिंता जताई है और निगरानी बढ़ाने के निर्देश दिए हैं. वहीं, रिम्स के ट्रॉमा सेंटर में करीब तीन महीने बाद दो कोरोना संक्रमित मरीजों को इलाज के लिए भर्ती कराया गया है.
जनता से रिश्ता वेबडेस्क। चीन और दुनिया के कई हिस्सों के साथ ही देश के पांच राज्यों में कोरोना संक्रमण के बढ़ते मामलों को लेकर केंद्र सरकार ने चिंता जताई है और निगरानी बढ़ाने के निर्देश दिए हैं. वहीं, रिम्स के ट्रॉमा सेंटर में करीब तीन महीने बाद दो कोरोना संक्रमित मरीजों को इलाज के लिए भर्ती कराया गया है. रिम्स के क्रिटिकल केयर इंचार्ज डॉ. प्रदीप कुमार भट्टाचार्य ने बताया कि लगभग तीन माह बाद ट्रॉमा सेंटर में दो कोरोना मरीज भर्ती हुए हैं और दोनों मरीज माइल्ड से मॉडरेट लक्षण के साथ रिम्स में भर्ती कराए गए हैं. डॉ. भट्टाचार्य के अनुसार दोनों आईसीयू में ऑक्सीजन पर हैं लेकिन अभी स्थिति ठीक है.
डॉ. प्रदीप ने बताया कि मंगलवार को भर्ती किए गए मरीज 32 वर्षीय शख्स फुसरो बोकारो का रहने वाला है और उसे शरीर में दर्दके साथ सांस लेने में भी तकलीफ की शिकायत के कारण रिम्स में भर्ती कराया गया है. मरीज ने अपनी ट्रैवल हिस्ट्री नहीं बतायी है कि वह राज्य से बाहर भी कहीं गया था या नहीं. दूसरी कोरोना संक्रमित 45 वर्षीय महिला राजधनवार, गिरडीह की रहने वाली है और उसका बेटा मुम्बई से लौटा है. जिसके बाद वह संक्रमित हो गई है. डॉ. भट्टाचार्य ने कहा कि काफी दिनों बाद रिम्स में कोरोना के दो संक्रमित भर्ती हुए हैं, दोनों मरीजों की जीनोम सिक्वेंसिंग के लिए उन्होंने रिम्स माइक्रो बॉयोलॉजी विभाग के एचओडी को सूचना दे दी है. डॉ. भट्टाचार्य ने कहा कि रिम्स में जीनोम सिक्वेंसिंग मशीन तो आ गयी है लोकिन वह अभी क्रियाशील नहीं है.दोनों संक्रमितों ने ली है वैक्सीन: गिरिडीह की रहने वाली कोरोना मरीज का बेटा मुम्बई में ऑटो चलाता है और वह एक महीने पहले घर लौटा था. उसके मुंबई से लौटने के बाद गांव में ही उसकी मां की तबीयत खराब हुई थी. खांसी के साथ-साथ सांस लेने में परेशानी हो रही थी. एक अप्रैल को उसे रिम्स लाया गया था. रिम्स के इमरजेंसी में रखने के बाद उसे मेडिसिन में भर्ती किया गया. मेडिसिन में इलाज के दौरान ही ट्रू नेट जांच में महिला पॉजिटिव पाई गयी थी. जिसके बाद 7 अप्रैल को उसे ट्रॉमा सेंटर में भर्ती कराया गया. फिलहाल महिला की तबीयत ठीक है. उसे भी ऑक्सीजन सपोर्ट पर रखा गया है. रिम्स ट्रॉमा सेंटर के आईसीयू में भर्ती दोनों कोरोना संक्रमित मरीज ने वैक्सीन ली है.
जून तक आ सकती है कोरोना की चौथी लहर: रिम्स ट्रॉमा सेंटर के हेड डॉ. प्रदीप कुमार भट्टाचार्य ने बताया कि आईआईटी कानपुर की स्टडी के बाद यह अनुमान लगाया गया है कि जून तक देश में कोरोना की एक और लहर आ सकती है. उन्होंने कहा कि ऐसा अनुमान लगाने के पीछे दो वजहें हो सकती हैं. पहला जून महीने में वातावरण में आद्रता बढ़ती है जो वायरस के लिए अनुकूल होता है और दूसरा ऐसा देखा गया है कि जब यूरोप-चीन में केस बढ़ते हैं तो उसके तीन महीने बाद इंडिया में केस अत्यधिक होते हैं. डॉ. प्रदीप ने कहा कि कुछ अन्य राज्यों में कोरोना के मरीज बढ़ने का ट्रेंड हैं. ऐसे में झारखंड में भी निगरानी तेज करने के साथ साथ कोविड अनुकूल व्यवहार को अपनाना जरूरी है.