सरकारी विद्यालयों के विद्यार्थी अब पोक्सो एक्ट के बारे में जानेंगे

Update: 2023-04-05 11:52 GMT

राँची न्यूज़: झारखंड के सरकारी स्कूलों के छठी से 12वीं तक के विद्यार्थियों को अब उनके अधिकार और सुरक्षा से जुड़ी जानकारी भी दी जाएगी. उन्हें बाल यौन शोषण संरक्षण अधिनियम-2012 (पोक्सो एक्ट) से संबंधित जानकारी दी जाएगी. विद्यालय में चल रहे हेल्थ एंड वेलनेस कार्यक्रम के तहत संचालित कक्षा के दौरान पोक्सो एक्ट पढ़ाया जाएगा. कुछ स्कूलों में इसकी पढ़ाई शुरू भी करा दी गई है. नए सत्र से सभी स्कूलों में इसकी कक्षाएं अनिवार्य रूप से संचालित होंगी.

झारखंड शैक्षिक अनुसंधान और प्रशिक्षण परिषद (जेसीईआरटी) के सहायक निदेशक सह नोडल कार्यक्रम अधिकारी के सहायक निदेशक बांके बिहारी सिंह ने बताया कि भारत सरकार की ओर से भेजे गए दिशा-निर्देश पर इसकी पढ़ाई की कार्य योजना बनाई है. इसका उद्देश्य छात्रों को बाल विवाह, बाल यौन शोषण, यौन अपराध, बच्चों की सुरक्षा, अधिकारों की सुरक्षा, पुनर्वास, बाल अधिकार, दुर्व्यवहार और मानव तस्करी समेत अपराधों के खिलाफ अधिकारों से अवगत कराना है. उन्होंने बताया कि पोक्सो एक्ट के साथ लगभग 16 अतिरिक्त विषयों को भी इसमें शामिल किया गया है. इसके लिए पहले प्राचार्यों और प्रति स्कूल दो शिक्षकों को प्रशिक्षण दिया गया. उन्होंने बताया कि बच्चों के जानकारी देने के साथ ही अभिभावकों को भी स्कूलों में होने वाले शिक्षक-अभिभावक बैठक में इससे अवगत कराया जाएगा.

शिकायत पेटी में बता सकेंगे समस्या सेंटर फॉर कैटालाइजिंग चेंज के राज्य प्रमुख ओम प्रकाश सिंह ने बताया कि शिक्षा विभाग की ओर से शिकायत पेटी लगवाई गई है. इस शिकायत पेटी में बच्चे अपनी समस्या बिना पहचान लिखकर डाल सकते हैं. इस बारे में भी कक्षा में बच्चों को बताया जाएगा. उन्होंने कहा कि कई मामले दर्ज नहीं होते, ऐसे में शिक्षा देने के साथ-साथ बच्चों को शिकायत करने की प्रक्रिया भी बताई जाएगी. इसमें सेंटर फॉर कैटेलाइजिंग चेंज (सी-थ्री) विभाग को तकनीकी सहयोग प्रदान कर रहा है.

क्या है पोक्सो एक्ट:

पोक्सो एक्ट भारत सरकार द्वारा बनाया गया अधिनियम है, जिसके अंतर्गत बच्चों के प्रति होने वाले यौन-शोषण पर प्रभावी अंकुश लगाने और बच्चों को यौन-शोषण, यौन उत्पीड़न एवं पोर्नोग्राफी के विरुद्ध संरक्षण हेतु प्रभावी प्रावधान किए गए हैं. पोक्सो अधिनियम को भारत सरकार के महिला और बाल विकास मंत्रालय द्वारा वर्ष 2012 में अधिनियमित किया गया था. इस अधिनियम के अंतर्गत बाल यौन-शोषण का वर्गीकरण और आरोपितों को सजा हेतु कड़े प्रावधान किए गए हैं.

जिलों में पोक्सो के मामले:

धनबाद 141

रांची 76

गढ़वा 75

पलामू 55

लातेहार 35

जमशेदपुर 32

(टीआरआई का शोध)

झारखंड में पोक्सो एक्ट के मामले

● 9615 पंजीकृत मामले 30 सितंबर 2022 तक दर्ज हैं

● 4782 लंबित मामले लंबित हैं कुल दर्ज मामलों में से

● 4101 मामलों को सितंबर 2022 तक सुलझा लिया गया

● 732 मामलों में सजा हुई

(आंकड़े शिक्षा विभाग से प्राप्त)

भारत सरकार की ओर से भेजे गए दिशा-निर्देश पर स्कूलों में पोक्सो एक्ट की पढ़ाई की कार्य योजना बनाई है. इसका उद्देश्य बाल विवाह, बाल यौन शोषण, यौन अपराध, बाल अधिकार, मानव तस्करी समेत अपराधों के खिलाफ अधिकारों से अवगत कराना है.

- बांके बिहारी सिंह, सहायक निदेशक, जेसीईआरटी

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