Maithon मैथों : ईसीएल शीतलपुर (पश्चिम बंगाल) की सीआईएसएफ टीम पर हमला मामले में धनबाद जिले की गलफरबाड़ी ओपी पुलिस ने शनिवार देर शाम तक एफआईआर दर्ज नहीं की. स संबंध में सीआईएसएफ बैजना कैम्प प्रभारी इंस्पेक्टर मंजीत सिंह ने ईसीएल मुगमा एरिया के जीएम एसके चौधरी को पत्र लिखा है. उन्होंने घटना की पूरी जानकारी देते हुए जीएम से एफआईआर दर्ज कराने का आग्रह किया है. सिंह ने कहा कि ईसीएल शीतलपुर टीम को गुप्त सूचना मिली थी कि ट्रैक्टर व अन्य वाहनों से चोरी का कोयला दुधियापानी स्थित भट्ठे में खपाया जा रहा है. सूचना पर टीम गलफरबाड़ी फुटबॉल मैदान के पास पहुंची और तीन ट्रैक्टर को जब्त कर लिया. एक ट्रैक्टर को चोरों ने पथराव कर छुड़ा लिया. जब्त अन्य दो ट्रैक्टर को भी छुड़ाने का प्रयास किया. तभी ईसीएल मुगमा एरिया की सुरक्षा टीम व स्थानीय पुलिस पहुंच गई और चोरों को खदेड़ दिया.
ज्ञात हो कि सीआईएसएफ की टीम ने शुक्रवार की रात ही गलफरबाड़ी ओपी क्षेत्र के बर्न स्टैंडर्ड कारखाना स्थित अवैध खनन स्थल पर छापेमारी करने गई थी. जहां कोयला चोरों ने सीआईएसएफ टीम पर हमला बोल दिया था. घटना के 24 घंटे बीत जाने के बाद भी एफआईआर दर्ज नहीं होने से चर्चाओं का बाजार गर्म है. पुलिस की कार्यशैली पर सवाल उठने लगे हैं. सीआईएसएफ शीतलपुर की टीम मामले से अपना पल्ला झाड़ रही है. उसने एफआईआर दर्ज कराने की जिम्मेवारी ईसीएल के बैजना कैम्प को दे दी है. बैजना कैम्प ने भी अपना पल्ला झाड़ते हुए जिम्मेवारी ईसीएल मुगमा एरिया प्रबंधन को दे दी. एरिया प्रबंधन ने भी अब तक एफआईआर दर्ज कराने की पहल नहीं की है. जबकि कोयला चोरी रोकने को लेकर घटना के समय एरिया आफिस में जीएम के साथ एसडीपीओ के नेतृत्व में पुलिस की बैठक चल रही थी. जिसमें समन्वय बना कोयला चोरी पर रोक लगाने की बड़ी बड़ी बातें की गईं.