सोरेन सरकार ने आय से अधिक संपत्ति मामले में जांच के दिए आदेश, बीजेपी नेता बोले- बर्बाद ए झारखंड करने को बस एक ही उल्लू काफी था…

झारखंड में इस समय अफसरों से लेकर नेताओं तक सब पर ईडी का शिंकजा कसता जा रहा है.

Update: 2022-06-02 02:31 GMT

फाइल फोटो 

जनता से रिश्ता वेबडेस्क। झारखंड (Jharkhand) में इस समय अफसरों से लेकर नेताओं तक सब पर ईडी का शिंकजा कसता जा रहा है. ईडी की ताबड़तोड़ कार्रवाई से हड़कंप मचा हुआ है. राज्य में ईडी मनरेगा घोटाले (Mgnrega Scam) की जांच कर रही है. जांच के दौरान ईडी के हाथ कई महत्वपूर्ण दस्तावेज लगे हैं. इन सबूतों के सहारे ईडी अब मनी लांड्रिंग मामले को लेकर सरकार और मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन (CM Hemant Soren) के करीब पहुंच गई है. वहीं दूसरी तरफ इन कार्रवाइयों के जवाब में हेमंत सोरेन सरकार ने भी अब पूर्व में रही बीजेपी की रघुवर दास सरकार के 5 मंत्रियों के खिलाफ आय से अधिक संपत्ति मामले में एसीबी जांच के आदेश दे दिए हैं. इनमें पूर्व मंत्री नीलकंठ सिंह मुंडा, रणधीर सिंह, नीरा यादव, लुईस मरांडी और अमर बाउरी शामिल हैं.

'बर्बाद ए झारखंड करने को बस एक ही उल्लू काफी था'
एजेंसी की तरफ से चल रही कार्रवाई के बाद झारखंड सरकार के एसीबी को दिए जांच के आदेश को देखकर तो यही लगता है कि जल्द ही झारखंड की राजनीति में कोई बड़ा सियासी भूचाल आ सकता है. इस बीच आय से अधिक संपत्ति मामले में जांच के गहरे में आने वाले पूर्व मंत्री नीलकंठ सिंह मुंडा ने सख्त लहजे में हेमंत सोरेन सरकार पर निशाना साधा है. नीलकंठ सिंह मुंडा ने कहा है कि, 'बर्बाद ए झारखंड करने को बस एक ही उल्लू काफी था… हर शाख पे उल्लू बैठे हैं. अंजाम ए झारखंड क्या होगा? झामुमो को टैग करते हुए विधायक नीलकंठ ने कहा, इस पार्टी को सत्ता में आने के लिए नक्सल, वंशवाद सबका सहारा लेना है. वहीं कांग्रेस को टैग करते हुए विधायक ने कहा- कांग्रेस को सत्ता के लिए किसी के भी साथ जाना पसंद है भले ही वो उनके अस्तित्व को खंडित करे.'
सरकार ने 2 साल बाद एसीबी जांच के आदेश दिए हैं
बता दें कि झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की सरकार ने पूर्व में रही रघुवर दास सरकार के कैबिनेट के 5 मंत्रियों के खिलाफ आय से अधिक संपत्ति के मामले में जांच के आदेश दिए हैं. हाई कोर्ट में चल रहे एक मामले में इन मंत्रियों के खिलाफ जांच के आदेश उनके चुनावी शपथ पत्र के आधार पर दिए गए हैं. मामले में याचिकाकर्ता पंकज कुमार यादव ने पूर्व मंत्रियों की आय से अधिक संपत्ति मामले में जांच कराने के लिए एक जनहित याचिका दाखिल की थी. इस जनहित याचिका के संदर्भ में ही राज्य सरकार ने करीब 2 साल बाद एसीबी जांच के आदेश दिए हैं.
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