Ranchi: वनरक्षी भी अनिश्चितकालीन हड़ताल पर

जाने क्या है फॉरेस्ट गार्ड की मांग?

Update: 2024-08-16 08:09 GMT

रांची: झारखंड के चतुर्थवर्गीय कर्मचारियों और समाहर्ता कार्यालय में कार्यरत कर्मचारियों के बाद अब वनरक्षी भी अनिश्चितकालीन हड़ताल पर जा रहे हैं. इस बीच वे विभागीय काम करने के बजाय जिला मुख्यालय और वन विभाग कार्यालय के समक्ष धरना पर बैठेंगे. दरअसल, वे राज्य अवर वन संघ के बैनर तले वन सेवा संवर्ग नियमावली का विरोध कर रहे हैं. सभी वनकर्मी नियुक्ति की शर्तें और सेवाशर्तें यथावत रखने की मांग कर रहे हैं.

क्या है फॉरेस्ट गार्ड की मांग?

झारखंड के वनरक्षी वन सेवा संवर्ग नियमावली का विरोध कर रहे हैं. दरअसल, पहले फॉरेस्टर के पद पर 100 फीसदी सीटें प्रमोशन से भरी जाती थीं. लेकिन नियमों में संशोधन से 50 फीसदी सीटें सीधी नियुक्ति से भरी जाएंगी. राज्य में सेवारत वन रक्षक इसका विरोध कर रहे हैं. इसको लेकर उन्होंने राज्य वन सेवा संघ के माध्यम से कई बार पत्राचार कर सेवा शर्त नियमावली को यथावत रखने की मांग की थी, जिसका सरकार पर कोई असर नहीं हुआ. जिसके बाद उन्हें ये कदम उठाने पर मजबूर होना पड़ा

झारखंड के वनरक्षी ने कहा- सरकार मौका छीनने की कोशिश कर रही है

उनका कहना है कि झारखंड के वन रक्षक बिना कम वेतन, भत्ते और किसी विशेष सुविधा के जंगलों और जंगली जानवरों की रक्षा के लिए दिन-रात दुर्गम स्थानों पर रहते हैं। लेकिन सरकार उन्हें सुविधाएं देने के बजाय उनके अवसर छीन रही है. भविष्य अंधकारमय दिखने पर सभी ने सर्वसम्मति से अनिश्चितकालीन हड़ताल पर जाने का निर्णय लिया है। सरायकेला केंद्रीय मंत्री शुभम पंडा ने कहा कि जिले में कार्यरत 45 वनरक्षी शुक्रवार 16 अगस्त से हड़ताल पर चले जायेंगे.

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