Ranchi: हत्या मामले में फांसी के आरोपी की सजा निरस्त

मौत की सजा को रद्द किया गया

Update: 2024-09-20 09:38 GMT

रांची: झारखंड हाई कोर्ट ने हजारीबाग जिले के चौपारण थाना क्षेत्र निवासी सजायाफ्ता कैदी आनंद कुमार दांगी की आपराधिक अपील और राज्य सरकार की अपील पर अपना फैसला सुनाया है. न्यायमूर्ति आनंद सेन और न्यायमूर्ति गौतम कुमार चौधरी की खंडपीठ ने आपराधिक अपील याचिका स्वीकार कर ली और मौत की सजा को रद्द कर दिया. साक्ष्य के अभाव में अपीलार्थी आनंदकुमार दांगी को रिहा करने का आदेश दिया गया। साथ ही राज्य सरकार की अपील भी खारिज कर दी.

हज़ारीबाग़ की एक निचली अदालत ने आरोपी आनंद कुमार दांगी को अपनी पत्नी और बेटी की हत्या का दोषी पाते हुए सितंबर 2023 में मौत की सज़ा सुनाई थी. हाईकोर्ट में आपराधिक अपील याचिका दायर कर मौत की सजा को चुनौती दी गई थी. आरोप है कि आनंद कुमार दांगी ने साल 2018 में अपनी पत्नी की धारदार हथियार से हत्या कर दी थी. उसने घर में सो रही डेढ़ साल की बच्ची को भी कुएं में फेंक दिया. हत्या से पहले आरोपी पति ने पत्नी के साथ शारीरिक संबंध भी बनाए थे. जांच में पता चला कि उसकी पत्नी गर्भवती थी।

वर्ष 2018 में अंगीरा कुमारी के पिता प्रीतम दांगी के बयान पर पुलिस ने उसके पति आनंद कुमार दांगी के खिलाफ चौपारण थाना में कांड संख्या 312/2018 के तहत प्राथमिकी दर्ज की थी. बताया जाता है कि अंगिरा कुमारी की शादी साल 2014 में आनंद कुमार दांगी से हुई थी. पुलिस जांच में पता चला कि आनंदकुमार दांगी का किसी अन्य महिला से अनैतिक संबंध था। वह अपनी पत्नी और बेटी को रास्ते से हटाना चाहता था. आरोपी ट्रक में हेल्पर के तौर पर काम करता था. उसने अपनी पत्नी को कुएं के पास बुलाया और उसके साथ शारीरिक संबंध बनाए और बाद में धारदार हथियार से उसकी हत्या कर दी. इसके बाद शव को कुएं में फेंक दिया. जब उसकी बेटी वहां पहुंची तो उसने उसे भी मार डाला और कुएं में फेंक कर भाग गया. पुलिस ने हथियार भी जब्त किये.

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