झारखंड में सियासी पारा चढ़ा, प्रदेश कांग्रेस के नेता दिल्ली तलब, पार्टी मुख्यालय पर आज होगी महत्वपूर्ण बैठक

देश के 5 राज्यों में हुए विधानसभा चुनाव में कांग्रेस को मिली करारी हार के बाद, पार्टी राजनीतिक रणनीतियों पर जोरों-शोरों से जुट गई है.

Update: 2022-04-05 03:05 GMT

फाइल फोटो 

जनता से रिश्ता वेबडेस्क। देश के 5 राज्यों में हुए विधानसभा चुनाव में कांग्रेस को मिली करारी हार के बाद, पार्टी राजनीतिक रणनीतियों पर जोरों-शोरों से जुट गई है. इस कड़ी में झारखंड कांग्रेस (Jharkhand Congress) के बड़े नेताओं को मंगलवार को बैठक के लिए दिल्ली बुलाया गया है. वहीं, राज्य के प्रभारी महासचिव अविनाश पांडेय के झारखंड (Jharkhand) दौरे के बाद दिल्ली में यह बैठक होने जा रही है. बता दें कि प्रदेश में कांग्रेस और JMM के बीच चल रहे राजनीतिक घमासान के बीच इस बैठक में कुछ अहम मुद्दों पर चर्चा होगी. इसके साथ ही प्रदेश सरकार में शामिल कांग्रेस के मंत्री भी बैठक के लिए बुलाए गए हैं.हालांकि,कमजोर कड़ियां को मजबूत करने के लिए अविनाश पांडे पूरी तरह से जुटे हुए हैं

दरअसल, ANI की रिपोर्ट के मुताबिक, झारखंड कांग्रेस प्रमुख राजेश ठाकुर (Rajesh Thakur) ने इस बैठक को लेकर जानकारी दी.उन्होंने कहा कि इस बैठक में झारखंड सरकार (Jharkhand Government) में कांग्रेस कोटे के चार मंत्रियों को भी बुलाया गया है. इनके अलावा इस बैठक में सभी पूर्व प्रदेश अध्यक्षों और कांग्रेस की सभी विंग्स के अध्यक्षों को पार्टी में शामिल होने के निर्देश दिए गए हैं. हालांकि, ये बैठक राजधानी दिल्ली में AICC मुख्यालय पर होगी.
प्रदेश अध्यक्ष ठकुर बोले- पहले से तय है कार्यक्रम
वहीं, झारखंड में कांग्रेस प्रमुख राजेश ठाकुर ने बैठक को "पूर्व-निर्धारित" कार्यक्रम करार दिया. उन्होंने कहा कि "ये पहले से तय कार्यक्रम है. हाल ही में हमारे इंचार्ज अविनाश पांडे "बूथ स्तर पर पार्टी को और मजबूत करने के लिए रांची में सभी पूर्व अध्यक्षों सहित झारखंड कांग्रेस के नेताओं के साथ बैठक की. इस बैठक में नेताओं की जिम्मेदारी तय की जाएगी. चूंकि , कांग्रेस द्वारा दिया गया प्रस्ताव होने की संभावना है. वहीं, ठाकुर ने कहा, "हमारे प्रभारी ने मुख्यमंत्री से मुलाकात की और उन्हें साझा न्यूनतम कार्यक्रम का प्रस्ताव दिया. फिलहाल मुख्यमंत्री ने अभी तक इस पर कोई प्रतिक्रिया नहीं दी है.
गठबंधन में खड़ा संकट, कांग्रेस खुद को कर रही उपेक्षित
बता दें कि झारखंड की गठबंधन सरकार में कांग्रेस के एक नेता ने सोमवार को कहा कि किसी को भी इस भ्रम में नहीं रहना चाहिए कि वे उनके सहयोग के बिना सरकार चला सकते हैं.सहयोग. मुख्यमंत्री द्वारा कांग्रेस विधायक की उपेक्षा किए जाने के बारे में पूछे जाने पर कांग्रेस झारखंड प्रभारी अविनाश पांडे ने कहा, "किसी को भी इस भ्रम में नहीं रहना चाहिए कि वे अकेले सरकार चला सकते हैं. उन्होंने कहा कि हम झारखंड सरकार को स्थिर रखने के लिए प्रतिबद्ध हैं, लेकिन अगर कोई सरकार या पार्टी कांग्रेस के खिलाफ दुर्भावना से काम करती है, तो हम इसे बर्दाश्त नहीं करेंगे. हेमंत सोरेन जितनी जल्दी गठबंधन को लेकर गंभीर होंगे, सरकार के लिए उतना ही अच्छा होगा.
झारखंड़ की गठबंधन सरकार में 81 मंत्री शामिल
गौरतलब है कि झारखंड मुक्ति मोर्चा (JMM), कांग्रेस और राष्ट्रीय जनता दल (RJD) के सत्तारूढ़ गठबंधन के 81 सदस्यीय है. जिसमें विधानसभा में 47 विधायक हैं. वहीं, JMM के 30, कांग्रेस के 18 और राजद के 1 विधायक हैं. इसके साथ ही गठबंधन सरकार में कांग्रेस के चार मंत्री भी शामिल है.
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