Ranchi रांची : दो दिवसीय राष्ट्रीय जतरा महोत्सव शुक्रवार से मोरहाबादी मैदान में शुरू हुआ. मुख्य पाहन जगलाल पाहन ने विधिवत तरीके से पूजा किया और कार्यक्रम का शुभारंभ किया. मंच संचालन अमित मुंडा ने किया. अध्यक्षता नरेश पाहन ने किया. इस दौरान गोस्नर कॉलेज की खोड़हा टीम सबसे पहले जतरा महोत्सव में पहुंची. फिर आदिवासी 22 पड़हा खोड़हा मंडली ओरमांझी से पहुंचा. ये अपने साथ सरना मां की झांकी शामिल किये.
इसमें सरना मां को पकड़े हुए दो लोग खोड़हा मैदान में प्रवेश किए. इसके पीछे आदिवासी समाज पांरपरिक वाद्ययंत्र बजाते हुए नाचते गाते गीत गाये जा रहे थे. उत्तराखंड की स्पोर्टस की छात्राए भी जतरा महोत्सव मे शिरकत की. इन्होंने अपने राज्य की लोकनृत्य को प्रस्तुत की. इस दौरान नरेश पाहन ने कहा कि राष्ट्रीय जतरा महोत्सव झारखंड का पहला जतरा महोत्सव है. यहां पर 32 जनजाति समुदाय के खोड़हा शामिल होते हैं. सभी को अपनी वेशभूषा व लोकनृत्य दिखाने का अवसर दिया जाता है.
जतरा महोत्सव में लगा एक सौ स्टॉल
दो दिवसीय जतरा महोत्सव में एक सौ स्टॉल लगाया गया. इसमें लालपाड़ी साड़ी, बंडी, गमछा की दुकान लगाई गई. मड़ुवा का लडडू, ज्वेलरी औऱ बच्चों के लिए खिलौने की दुकान सजायी गई. स्टॉल चारो ओऱ से घिरा था. मैदान के बीच में खोड़हा टीम, सांस्कृतिक कार्यक्रम का आयोजन हुआ. इस अवसर पर महासचिव नीलम बिरूली, सुरज टोप्पो, रवि मुंडा, कार्यकारणी अध्यक्ष अमीत मुंडा, मोहन उरांव, मिथलेश कुमार, दिप्त राज बेदिया, अनिल उरांव, राकेश मुंडा, मानसिंह मुंडा, सुरेश मिर्धा, रिकी नायक, शीतल तिर्की, विनय नायक समेत अन्य मौजूद थे.