अब झारखंड में सोलर एनर्जी से सस्ती मिलेगी बिजली, छत पर खुद भी कर सकते हैं उत्पादन, सरकार देगी सब्सिडी
मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने मंगलवार को झारखंड की सौर ऊर्जा नीति 2022 का लोकार्पण किया।
जनता से रिश्ता वेबडेस्क। मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने मंगलवार को झारखंड की सौर ऊर्जा नीति 2022 का लोकार्पण किया। राज्य सरकार ने अगले पांच सालों में सौर ऊर्जा से 4000 मेगावाट बिजली उत्पादन का लक्ष्य तय किया है। सौर ऊर्जा से राज्य के लोगों को दो से ढाई रुपए प्रति यूनिट बिजली मिल सकेगी। अभी चार से पांच रुपए प्रति यूनिट बिजली मिलती है। सीएम ने ऐलान किया कि धनबाद और दुमका हवाई अड्डे का संचालन सौर ऊर्जा से होगा। यहां 600-600 किलोवाट बिजली का उत्पादन होगा।
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य को और स्वरोजगार को आगे बढ़ाने के लिए नई सौर ऊर्जा नीति काफी कारगर साबित होगी। इस नीति के तहत उद्योग लगाने वालों का सरकार हर संभव मदद देगी।
सोलर सिटी के रूप में विकसित होगा गिरिडीह
मुख्यमंत्री ने गिरिडीह को सोलर सिटी के रूप में विकसित करने का ऐलान किया। उन्होंने इसका ऑनलाइन उद्घाटन किया। मौके पर गिरिडीह विधायक सुदिव्य सोनू भी वीडियो कांफ्रेंसिंग से जुड़े हुए थे। मौके पर सीएम ने कहा कि गिरिडीह पहला जिला होगा जो सौर ऊर्जा पर निर्भर होगा। यह जिला उदाहरण के तौर पर राज्यभर में स्थापित होगा।
ग्रामीण क्षेत्रों तक करें सौर ऊर्जा का प्रचार-प्रसार : मुख्यमंत्री
झारखंड की सौर ऊर्जा नीति के अनावरण के मौके पर मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने कहा कि राज्य के कई जिलों में 30-40 मेगावाट बिजली की खपत है। एक एकड़ जमीन में लगी सौर ऊर्जा से एक मेगावाट बिजली का उत्पादन होता है तो संबंधित जिलों में 400-500 एकड़ जमीन में प्लांट लगने से वहां की बिजली की आपूर्ति सौर ऊर्जा से हो जाएगी। सीएम ने कहा कि जिला प्रशासन के साथ मिलकर घर-घर में घरेलू उपयोग के लिए सौर ऊर्जा का उत्पादन किया जाए। शहर ही नहीं ग्रामीण क्षेत्रों में भी इसका प्रचार-प्रसार करें। उन्होंने कहा कि सौर ऊर्जा के माध्यम से हर वह काम हो सकेंगे जो आज उत्पादित होने वाली बिजली से होते हैं।
आम लोगों को लाभ
● बिजली की दर होगी कम, चार-पांच की जगह लगेंगे दो-ढाई रुपये प्रति यूनिट
● तीन लाख रुपये से कम आय वाले परिवार को सौ फीसदी की सब्सिडी
● अपने घर की छत पर सोलर प्लेट लगाकर उत्पादन कर सकेंगे बिजली
● छत के साथ आंगन, खेत, कैनाल में लगा सकेंगे
निवेशकों को लाभ
● एक प्रतिशत की दर से 25 साल तक इंडेक्शन व बिजली बिल में छूट
● पांच साल तक राज्य वस्तु और सेवा कर में सौ फीसदी की छूट
● 60 दिनों के अंदर मिलेगी वैधानिक स्वीकृति
● क्रास सब्सिडी और थर्ड पार्टी में छूट