स्मार्टफोन की बजाय की-बोर्ड मोबाइल का इस्तेमाल कर ठगी का नया तरीका, मैसेज भेज कर रहे यूपीआई हैक
साइबर अपराधियों ने अब यूपीआई पर हमला बोल दिया है।
जनता से रिश्ता वेबडेस्क। साइबर अपराधियों ने अब यूपीआई पर हमला बोल दिया है। यह हमला वैसे लोगों पर किया गया है, जो की-पैड वाले मोबाइल का इस्तेमाल करते हैं। इसके लिए ग्रामीण इलाकों के शिक्षकों को निशाना बनाया जा रहा है।
लोगों को कैसे फंसाया जा रहा
की-पैड फोन को अपडेट करने या दूसरा कारण बताकर उनके पास मैसेज भेजा जा रहा है और उस मैसेज को चालाकी से फोन धारक के ही बैंक में ट्रांसफर कर दिया जा रहा है। मैसेज ट्रांसफर होते ही ठग पहले से तैयार प्रक्रिया का सहारा लेते हुए खाते से सिर्फ रुपये तक दूसरे खाते में ट्रांसफर नहीं किए जा रहे, बल्कि यूपीआई तक जनरेट किया जा रहा है।
ऐसे होती है ठगी
पहले साइबर अपराधियों द्वारा यह पता लगा लिया जा रहा है कि जिसे निशाना बनाना है, उसके खाते में कितनी राशि है। उसका मैसेज जिस नम्बर पर आता है, वह एंड्रॉयड फोन है या कीपैड फोन का है। उसके बाद उस नंबर धारक को अपने झांसे में लेना शुरू कर दिया जाता है। फोन अपडेट करने का झांसा देकर एक मैसेज भेजा जाता है, जिसमें अपडेट जैसी भाषा का इस्तेमाल किया जाता है और उसके बाद उस नम्बर को बैंक के यूपीआई जनरेशन नम्बर पर फारवर्ड करने के लिए बोला जाता है। नंबर को फारवर्ड करते ही बैंक द्वारा जिस नम्बर को ठग द्वारा भेजा जाता है, उस नम्बर पर यूपीआई जनरेट हो जाता है और वह अपनी मर्जी से खाते का इस्तेमाल कर लेता है।
बचने का उपाय, 1930 पर करें कॉल
पुलिस का कहना है कि किसी भी तरह की साइबर ठगी में यदि आपके खाते से बिना आपकी अनुमति पैसे निकल रहे हैं तो तत्काल 1930 पर कॉल कर दें, क्योंकि इसमें पैसों का स्थानांतरण ठगों द्वारा एक से दो तीन बैंक में किया जाता है। इसलिए इस नम्बर पर कॉल करते ही उसे तत्काल रोक दिया जाता है और अकाउंट फ्रीज हो जाने पर रुपयों के लौटने की संभावना रहती है।