Kiriburu : राज्य सरकार गांवों का विकास व बेरोजगारों को रोजगार देने के लिए प्रयासरत

Update: 2024-07-22 10:07 GMT
Kiriburu किरीबुरू  : झारखंड सरकार सारंडा के गांवों में बुनियादी सुविधाएं बहाल करने के साथ-साथ बेरोजगारों को रोजगार मुहैया कराने का भी कार्य करेगी. यह बात परिवहन मंत्री दीपक विरुवा ने रविवार की रात गुवा डीवी में मानकी-मुंडाओं व कार्यकर्ताओं के साथ हुई बैठक में कही. बैठक में ग्रामीणों ने अपने गांवों में पेयजल, चिकित्सा, रोजगार, शिक्षा आदि से संबंधित समस्याओं को बताया एवं उसके निराकरण की मांग की. मंत्री दीपक विरुवा को बताया कि इस क्षेत्र में भोले भाले आदिवासियों को ठगा जाता रहा है. रोजगार व अन्य सुख सुविधाओं के नाम पर सिर्फ उन्हें गुमराह किया जाता रहा. जब तक ग्रामीणों तक बुनियादी सुविधायें नहीं पहुंचेगी, तब तक गांव व समाज विकसित नहीं होगा. स्थानीय युवा उच्च शिक्षा के अभाव में रोजगार के साथ-साथ अन्य सुविधाओं से वंचित रह जाते हैं. झारखंड सरकार बुनियादी तौर से सारंडा में रोजगार मुहैया कराने के साथ-साथ
सुविधाएं बहाल करेगी.
 दस बेरोजगारों को बतौर ठेका मजदूर काम दे गुवा सेल
उन्होंने कहा कि सेल प्रबंधन क्षेत्र के बेरोजगारों को नोटसीट एवं सप्लाई मजदूर के रुप में अधिक से अधिक रोजगार दे. जब तक ग्रामीणों के चेहरे पर खुशहाली नहीं आएगी सेल का भी विकास संभव नहीं है. इस दौरान सेल के सेवानिवृत्त दर्जनों लोगों ने अपने एक-एक आश्रित को गुवा खदान में नौकरी दिलाने की मांग की. मंत्री दीपक विरुवा ने इसके बाद सेल, गुवा के अधिकारियों से विभिन्न समस्याओं को लेकर वार्ता की. उन्होंने गुआ खदान से प्रभावित सारंडा के 23 गांवों का विकास सीएसआर योजना से करने के अलावे तत्काल 10 बेरोजगारों को बतौर ठेका मजदूर के रुप में रोजगार देने को कहा. उन्होंने सेल गुवा अस्पताल में चिकित्सा व्यवस्था को बेहतर बनाने का निर्देश दिया. 10 दिनों में प्रबंधन से मांगों पर की जा रही कार्यवाही की जानकारी मांगी है.
 बैठक में ये लोग हुए शामिल
बैठक में मंत्री के निजी सहायक सुभाष बनर्जी, जिप अध्यक्ष लक्ष्मी सुरेन, झामुमो नेता अभिषेक सिंकु एवं वृन्दावन गोप, महाप्रबंधक शंकर प्रसाद दास, उप प्रबंधक नरेद्र कुमार झा, उप महाप्रबंधक डॉ आनंद कुमार, महाप्रबंधक सीबी कुमार, मानकी सुरेश चाम्पिया, नुईया गांव के मुंडा दुरुसू चाम्पिया, मंगल पूर्ति, चरण चाम्पिया, दामु चाम्पिया, मोटाय सिद्धू के अलावे पेचा, जोजोगुटू, बहदा, छोटानागरा, राईका, लिपुंगा, ठाकुरा एवं आसपास के 18 गांव के ग्रामीण प्रतिनिधि उपस्थित थे.
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