झारखंडः अब डीलर नहीं कर सकेंगे आपके राशन की चोरी, पीडीएस से कालाबाजारी पर अंकुश के लिए हो रहा ये सुधार
जन वितरण प्रणाली व्यवस्था के तहत झारखंड सरकार ने लाभुकों में अनाज बांटने के लिए जियो लोकेशन आधारित एप विकसित किया है।
जनता से रिश्ता वेबडेस्क। जन वितरण प्रणाली व्यवस्था के तहत झारखंड सरकार ने लाभुकों में अनाज बांटने के लिए जियो लोकेशन आधारित एप विकसित किया है। इससे अनाज वितरण किस स्थान पर तथा किस लाभुक को किया गया है, यह जानकारी पोर्टल से मिल सकेगी। इसमें लाभुकों के खाद्यान्न लेते फोटोग्राफ भी पोर्टल पर उपलब्ध रहेंगे ताकि किसी प्रकार की शिकायत मिलने पर सत्यापन किया जा सके।
प्रक्रिया की मॉनिटरिंग की जा सकेगी
नई व्यवस्था से विभागीय योजनाओं में पारदर्शिता आयेगी और समाज के अति कमजोर जनजातीय समूह को समय पर उनके निवास स्थान पर अनाज मिलने की प्रक्रिया की मॉनिटरिंग की जा सकेगी। राज्य सरकार के खाद्य आपूर्ति मंत्री रामेश्वर उरांव ने शुक्रवार को विभागीय अधिकारियों के साथ बैठक कर जन वितरण प्रणाली व्यवस्था के तहत लाभुकों के बीच अनाज वितरण व्यवस्था की समीक्षा कर रहे थे। विभाग के आंकड़ों के मुताबिक वर्तमान में राज्य में कुल 24,408 जन वितरण प्रणाली दुकानदार कार्यरत हैं, जिसमें अभी भी 856 ऑफ लाइन मोड में काम कर रहे हैं। इसमें अति कमजोर जनजातीय समूह के लिए लागू डाकिया योजना से संबद्ध वितरक भी शामिल हैं। जन वितरण प्रणाली की दुकानों के ऑफलाइन मोड में काम करने से विभाग के पास कई प्रकार की कठिनाइयां सामने आती हैं और कई तरह की शिकायतें मिलती रहती हैं।
आधार आधारित पहचान की प्रक्रिया स्थगित है
तकनीकी विकास के वर्तमान परिवेश में भी लाभुकों की निजता का सम्मान करने के उद्देश्य से ऑफलाइन मोड में भारत सरकार द्वारा आधार आधारित पहचान की प्रक्रिया स्थगित कर दी गई है। ऐसी स्थिति में ऑफलाइन दुकानों में खाद्यान्न वितरण के अनुश्रवण की कोई व्यवस्था में राज्य को जनवितरण प्रणाली दुकानों द्वारा रजिस्टर में दर्ज आंकड़ों के अनुसार आहार पोर्टल पर सूचना प्राप्त होती थी, जिसमें प्रमाणिकता की कमी महसूस की जा रही थी।