झारखंड: झारखंड के रामगढ़ जिला में स्थित सीसीएल रजरप्पा एरिया को नया वरदान मिला है. सीएमपीडीआई द्वारा रजरप्पा क्षेत्र के विभिन्न भागों में किए जा रहे हैं ड्रिलिंग के दौरान कोयले के नए विशाल भंडार का पता चला है. इस बात की पुष्टि सीसीएल रजरप्पा क्षेत्र के महाप्रबंधक पीएन यादव ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में की. महाप्रबंधक ने बताया कि नया भंडार मिलने से रजरप्पा एरिया के विस्तारीकरण योजना को बल मिला है. यहां से अगले तीन से 5 वर्षों के लिए अब कोयले का उत्पादन सुनिश्चित हो जाएगा.
महाप्रबंधक द्वारा बताया गया कि डीएलएफ, सेक्शन 1, सेक्शन 2 और सब स्टेशन में ड्रिलिंग कराई गई है. यहां कोयला होने का पता चला है. उन्होंने बताया कि प्रारंभिक तौर पर इस कोयले का उत्पादन अगले तीन से 5 वर्षों तक किया जा सकेगा. महाप्रबंधक ने बताया कि डीएलएफ प्लांट को ध्वस्त कर यहां पर शीघ्र ही कोयले का उत्पादन शुरू कर दिया जाएगा. फिलहाल 3100 मीटर ड्रिलिंग करने के बाद ही इस कोयले के विशाल भंडार का पता चला है. कोयले की खोज के लिए 4000 मीटर तक ड्रिलिंग प्रस्तावित है.
उन्होंने बताया कि सीसीएल रजरप्पा प्रोजेक्ट कोयला उत्पादन, कोयला डिस्पैच एवं रैक लोडिंग में अब आत्मनिर्भर बन सकेगा. मालूम हो कि रजरप्पा प्रोजेक्ट पिछले कई वर्षों से कोयला की समस्या से जूझ रहा है. कड़ी मेहनत और टीम वर्क के बाद कोयला उत्पादन के लक्ष्य को हासिल किया जा पा रहा है, ऐसे में नए कोयले के विशाल भंडार मिलने से रजरप्पा क्षेत्र को संजीवनी हाथ लगी है. जीएम ने बताया कि रजरप्पा प्रोजेक्ट कोयला उत्पादन कोयला डिस्पैच और रैक लोडिंग में काफी ग्रोथ किया है.
वित्तीय वर्ष 2022-23 की तुलना में इस वित्तीय वर्ष के अगस्त तक कोयला उत्पादन में 51% ,कोयला डिस्पैच में 85 फीसदी और रैक लोडिंग में 25 फीसदी का ग्रोथ हुआ है. इस तरह रजरप्पा का टर्नओवर 103 फ़ीसदी हुआ है जबकि शुद्ध मुनाफा 160 फ़ीसदी तक पहुंच गया है.