हाईकोर्ट ने एसटी श्रेणी से लोहार जाति को हटाने मामले में केंद्र और राज्य सरकार से छह हफ्तों में जवाब मांगा

लोहार जाति को एसटी की श्रेणी से बाहर करने के खिलाफ दायर याचिका पर आज झारखंड हाईकोर्ट में सुनवाई हुई.

Update: 2024-04-20 08:00 GMT

रांची : लोहार जाति को एसटी की श्रेणी से बाहर करने के खिलाफ दायर याचिका पर आज झारखंड हाईकोर्ट में सुनवाई हुई. मामले में हाईकोर्ट के जस्टिस आनंद सेन की अदालत में सुनवाई हुई. सुनवाई के दौरान कोर्ट ने राज्य और केंद्र सरकार को 6 हफ्तों के भीतर जवाब दाखिल करने के निर्देश दिए है.

झारखंड गठन के बाद ST श्रेणी से हटा दिया गया लोहार जाति
आपको बता दें, इस संबंध में खतियानी लोहार/लोहरा जनजाति समाज के अध्यक्ष अतीत कुमार ने हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया था. जहां उन्होंने लोहार जाति को एसटी की श्रेणी से बाहर करने के खिलाफ याचिका दायर की. जिसमें कहा गया है कि संविधान के प्रारंभ से ही लोहार जाति जनजातीय रहा है लेकिन झारखंड राज्य के गठन के बाद बिना किसी उचित कारण बताए एसटी की श्रेणी से बाहर कर दिया गया. हालांकि लोहरा जाति को एसटी सूची में सूचीबद्ध किया गया. जबकि यह (लोहरा) पर्यायवाची है और क्षेत्रीय बोलचाल भाषा का सिर्फ शब्द मात्र है. कारण यही है कि लोहरा के नाम से कोई खतियान नहीं मिल पाता है.


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