मॉनसून की बदमिज़ाजी ने जिले में नदी और तालाबों की सेहत बिगाड़ दी है. अमूमन मॉनसून के कमज़ोर पड़ने और कम बारिश होने की स्थिति में छोटी नदी-नाले किसानों के लिए संजीवनी साबित होते थे. लेकिन इस साल मॉनसून के उखड़े रूख से जिले के छोटे नदी-नाले भी सूख कर सिमट गये हैं. इन छोटी नदियों में पानी बहुत कम है. नतीज़तन किसानों को सिंचाई के लिए कोई रास्ता नहीं सुझ रहा है.
गिरिडीह जिले के सभी प्रखंडो में खेतों के पास ऐसे कई छोटे नदी-नाले हैं. इस साल जून और जुलाई दोनों महीनों में बारिश इतनी कम हुई कि छोटे-छोटे नदी, नाले और गड्डों में पानी नहीं जमा हो सका. गिरिडीह प्रखंड के खरियोडीह गांव के किसान रमेश कुमार ने कहा कि गांव के किनारे एक छोटी नदी बहती है. बारिश नहीं होने पर इस नदी के पानी से फसलों की सिचाईं सभी किसान करते थे. लेकिन इस साल इस नदी में नाममात्र पानी है. अगर जल्द बारिश नहीं हुई तो सारे फसल बर्बाद हो जाएंगे.
सोर्स: लगातार डॉट इन