हजारीबाग : पूरे दिन बिजली की आंख-मिचौली से शहर से लेकर गांव तक परेशान, उद्योग धंधे से लेकर कृषि तक के काम बुरी तरह प्रभावित

जिले में भीषण गर्मी का दौर शुरू हो गया है. जिले का पारा हर रोज 40 डिग्री सेल्सियस पार कर जा रहा है.

Update: 2024-05-26 08:26 GMT

हजारीबाग : जिले में भीषण गर्मी का दौर शुरू हो गया है. जिले का पारा हर रोज 40 डिग्री सेल्सियस पार कर जा रहा है. उमस भरी गर्मी और पसीना लगातार निकलने से लोग परेशान रहे. ऐसी स्थिति में शहर से लेकर ग्रामीण इलाकों में रोजाना कई बकर लोगों को अघोषित बिजली कटौती का सामना करना पड़ रहा है. इससे शाम के समय बच्चों की पढ़ाई प्रभावित हो रही है. वहीं गृहणियों को घरेलू कार्यों में परेशानी झेलनी पड़ रही है. इससे उद्योग धंधों के साथ कृषि कार्य प्रभावित हो रहे हैं.

शहर से लेकर ग्रामीण इलाकों में पांच घंटे तक बिजली कटी रहती है. यही हाल ग्रामीण क्षेत्रों में देखा जा रहा है. जिले के डेढ़ लाख से अधिक बिजली उप‌भोक्ता इस भीषण गर्मी में हलकान हो रहे हैं. लोगों को तेज धूप के बीच घर में भी उमस भरी गर्मी का सामना करना पड़ा. इस दौरान पावर की कटौती होने से पंखे और एसी नहीं चले. लोग पसीने से तरबतर होते रहे और बिजली विभाग को कोस रहे हैं.
उपभोक्ताओं का कहना था कि एक और तेज धूप और उमस ने सभी को परेशान कर रखा है. ऊपर से बिजली की आंख मिचौली आग में घी डालने का काम कर रही है. रात हो या दिन बिजली की अघोषित कटौती से हर आयु वर्ग के लोग परेशान हैं. शहर के व्यापारी मुकेश अग्रवाल कहते हैं बिजली कटौती से व्यापार और उद्योग पर नकारात्मक प्रभाव पड़ रहा है. बिजली कटौती से उद्योगों के उत्पादन में लगातार गिरावट आ रही है. इससे उपकरणों के खराब होने का खतरा बढ़ता जा रहा है. वोल्टेज अप डाउन होने से विद्युत उपकरण लगातार खराब हो रहे हैं. बिजली कटौती उद्यमियों और व्यापारियों के लिए एक बड़ा संकट बन जाता है. इससे निर्माण उद्योग, नेटवर्क और वैव आधारित सेवाए, खाद्य प्रसंस्करण उद्योग, चिकित्सा सुविचा जैसी सेवाओं पर इसका व्यापक असर दिख रहा है.
सोलर आधारित बिजली उपकरणों की मांग बढ़ी
व्यापारी सुबोध अग्रवाल कहते हैं कि बिजली की कटौती से सोलर आधारित बिजली उपकरणों की मांग बढ़ी है. अब लोग सोलर उपकरण वाले पंखे और अन्य उपस्कर की डिमांड कर रहे हैं. वहीं, किसानों का कहना था कि बिजली की कटौती से हरी सब्जी की खेती पर इसका असर पड़ रहा है. ग्रामीण क्षेत्र के लोगों को सिचाई करने में काफी परेशानी हो रही है. शहर और ग्रामीण क्षेत्र के कई व्यापारियों को डीजल और जनरेटर से लगातार काम चलाना पड़ रहा है. वेल्डिग दुकान, फोटोकॉपी दुकान, फर्नीचर दुकान में हजारों रुपए जनरेटर चलाने में डीजल में जल रहे हैं. लोग परेशान हो जा रहे हैं. एक ही दिन में छह से सात बार बिजली कट जा रही है. वहीं, रात में कई बार बिजली गुल हो जाना आम बात हो गया है. कई क्षेत्रों में लोग वोल्टेज के कारण पंखे व कुलर नहीं चला पा रहे हैं.
बड़कागांव में 10 से 12 घंटे ही होती है बिजली की आपूर्ति
बड़कागांव प्रखंड में 23 पंचायत अंतर्गत दो बिजली सब स्टेशन है. इसमें 1,60,000 से अधिक जनसंख्या शामिल है. बिजली विभाग की ओर से अभी बिजली की स्थिति ठीक नहीं है. प्रखंड में 24 घंटा में 10 से 12 घंटा बिजली सप्लाई की जा रही है. बिजली विभाग सुबह 6 बजे से शाम 9 बजे, 6 बजे शाम से 9 बजे वोल्टेज कम रहने के कारण लोगों को परेशानी हो रही है. जबकि बड़कागांव में 2 सब स्टेशन बनाए गए हैं.
केरेडारी में उमस भरी गर्मी में बिजली की कटौती से लोग परेशान
केरेडारी प्रखंड में लोग पिछले एक सप्ताह से उमस भरी गर्मी में बिजली की आंख मिचोली से परेशान हैं. प्रखण्ड में बिजली कीआंख मिचोली से इलेक्ट्रॉनिक दुकान मित्री काम ठीक से नहीं कर पा रहे हैं. वहीं, बिजली 24 घंटे में 15 से 16 घंटे बिजली क्षेत्र में रहती है. वो भी दिन रात काट काट कर क्षेत्र में बिजली दिया जाता है. दिन में लोग इधर उधर घूम फिर कर उमस भरी गर्मी में रह जाते है, पर रात में लोग काफी परेशान रहते हैं. कभी छत पर तो कभी बाहर सोने को मजबूर हो जा रहे हैं. प्रखंड में 24 घंटे में 15 से 16 घंटे बिजली सप्लाई की जा रही है. पर लगातार बिजली नहीं रहने से किसान फसल की पटावन नहीं कर पा रहे हैं. बिजली, के लो वोल्टेज के कारण लोगों को परेशानी हो रही है. रात में पंखा नहीं चल पता है. वहीं बिजली उपभोक्ताओं का कहना है कि केरेडारी में लो वोल्टेज से लोग परेशान रहते हैं. फ्रिज काम नहीं करता है. वोल्टेज कम रहने से लोगों को मोटर चलाना, फ्रिज, मॉल, वाशिंग मशीन, छोटे-छोटे कुटीर उद्योग नहीं चल पाता है. जिससे लोग काफी परेशान रहते हैं.
बरही में 18 से 20 घंटे मिलती है बिजली
वोल्टेज से लोग परेशान रहते हैं. बार-बार फ्यूज उड़ता रहता है. चोल्टेज कम रहने से लोगों को मोटर चलाना, फ्रिज, मॉल, वाशिंग मशीन समेत छोटे-छोटे कुटीर उद्योग नहीं चल पाता है. इससे यहा के ग्रामीण लोग काफी परेशान रहते हैं वही किसानों को पटवन के लिए भी बहुत परेशानियों का सामना उठाना पड़ रहा है. इससे किसानों में त्राहिमाम मची हुई है. वहीं बिजली विभाग के जेई प्रभात कुमार ने बताया कि बड़कागांव प्रखंड सब स्टेशन में 22 घंटा बिजली दी जाती है. इसमें एमपीआर अनुकूल नहीं रहने के कारण बाधित रहता है. डीवीसी के लोड सेडिंग नहीं करने से बरही में 18 से 20 घंटे लोगों को बिजली मिल रही स्थानीय स्तर पर बिजली मीटर लग रिपेयरिंग करने और बिजली कनेक् जोड़ने के लिए बिजली कटती है. लेकिन इस गर्मी में 4 से 6 घंटा बिजली कटने से लोग परेशान हो जाते हैं. स्थानीय स्तर पर बिजली कटने का कोई निर्धारित समय नहीं होता, इस कारण लोगों के साथ-साथ बच्चों और अधिक परेशानी होती है. बिजली कटने से सबसे अधिक छात्र-छात्र भोजन बनाने वाली गृहनियां और व्यवसायियों को काफी परेशानियों सामना करना पड़ता है.


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