विश्वविद्यालयों में CUET लागू करने पर पुनर्विचार की मांग, राज्यपाल का शिक्षा मंत्री को लिखा लेटर, बताईं छात्रों की समस्याएं

राज्यपाल का शिक्षा मंत्री को लिखा लेटर

Update: 2022-05-21 16:20 GMT
रांची: राज्यपाल रमेश बैस ने केंद्रीय शिक्षा मंत्री धमेंद्र प्रधान को पत्र लिखकर सीयूईटी लागू करने के लिए मोहलत मांगी है. राज्यपाल रमेश बैस ने केंद्रीय शिक्षा मंत्री से 2022-23 से झारखंड के विश्वविद्यालयों में सीयूईटी लागू करने के निर्णय पर पुनर्विचार करने का आग्रह किया है. इसके लिए उन्होंने आदिवासी समाज के विद्यार्थियों की कठिनाइयों की भी जानकारी दी है.
राज्यपाल रमेश बैस ने केंद्रीय मंत्री धर्मेंद्र प्रधान को लिखे पत्र में झारखंड के विभिन्न विश्वविद्यालयों में सत्र 2022-23 से स्नातक के लिए कॉमन यूनिवर्सिटी एंट्रेंस टेस्ट (सीयूईटी) लागू करने में हो रही कठिनाइयों से अवगत कराया है. राज्यपाल ने इसमें विद्यार्थियों की विभिन्न समस्याओं की ओर केंद्रीय शिक्षा मंत्री का ध्यान आकृष्ट कराया है और कहा है कि विद्यार्थियों की समस्याओं को देखते हुए वर्तमान सत्र से राज्य के विश्वविद्यालयों में यूजी कार्यक्रम के लिए सीयूईटी का पालन व लागू करना संभव प्रतीत नहीं होता है. राज्यपाल ने झारखंड के जनजातीय विद्यार्थियों की वास्तविक व व्यावहारिक समस्या को देखते हुए शैक्षणिक सत्र 2022-2023 से सीयूईटी को लागू करने के निर्णय पर पुनर्विचार करने का आग्रह किया है.
राज्यपाल रमेश बैस से भारत तिब्बत समन्वय संघ के प्रतिनिधि ने की मुलाकातः राज्यपाल रमेश बैस से शनिवार को राजभवन में भारत तिब्बत समन्वय संघ के महिला विभाग की राष्ट्रीय मंत्री प्रियंवदा सिंह जूदेव और युवा विभाग के राष्ट्रीय महामंत्री प्रवीण शर्मा ने मुलाकात की. इस दौरान उन्होंने राज्यपाल को एक ज्ञापन सौंपा और संघ की दिसम्बर 2021 की कार्यसमिति बैठक में पारित प्रस्तावों की जानकारी दी.
इस मौके पर प्रियंवदा सिंह जूदेव ने छत्तीसगढ़ के जशपुर सहित अन्य जिलों से स्वास्थ्य लाभ लेने के लिए रांची आने वाले मरीजों और उनके स्वजनों की समस्या के संदर्भ में ध्यान आकृष्ट कराया. उन्होंने राज्यपाल से कहा कि गंभीर बीमारी और सड़क दुर्घटना में घायलों को लेकर हर माह बड़ी संख्या में तीमारदार इलाज के लिए रांची पहुंचते हैं. इन मरीजों को अस्पताल में भारत सरकार की आयुष्मान योजना का लाभ लेने में परेशानी की शिकायत मिलती रहती है. कुछ निजी चिकित्सा संस्थानों द्वारा स्मार्ट कार्ड को स्वीकार नहीं किया जाता है एवं नकद भुगतान के लिए दबाव डाला जाता है. राज्यपाल से प्रियंवदा सिंह जूदेव ने छत्तीसगढ़ से इलाज के लिए झारखंड आने वाले मरीजों को आयुष्मान योजना का समुचित लाभ दिलाने के लिए पहल करने का आग्रह किया.
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