धनबाद: शहर के सफाईकर्मियों के लिए शुरू की गई नमस्ते स्कीम के लिए धनबाद से 29 सफाईकर्मियों का चयन किया गया है। इन सफाईकर्मियों का प्रोफाइल बनाते हुए नगर निगम ने इसे केंद्र सरकार के पोर्टल पर अपलोड कर दिया है। योजना के तहत सफाईकर्मियों के जीवनस्तर में सुधार लाने के लिए उन्हें केंद्र और राज्य द्वारा प्रायोजित योजनाओं से जोड़ा जाएगा। इसमें स्वरोजगार के लिए केंद्र सरकार द्वारा लोन भी दिया जाएगा। नगर निगम द्वारा नमस्ते स्कीम को लेकर दो दिन पहले निगम कार्यालय में कैंप लगाया गया था। इनमें से चयनित मजदूरों को अब राष्ट्रीय सफाई कर्मचारी वित्त एवं विकास निगम केंद्र सरकार की योजनाओं से जोड़ने का काम करेगा। इसमें सबसे पहले मजदूर और उनके परिवारों की स्वास्थ्य बीमा का लाभ दिया जाएगा। नमस्ते योजना सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्रालय (एमओएसजेई) और आवास एवं शहरी कार्य मंत्रालय (एमओएचयूए) की संयुक्त पहल है। धनबाद नगर निगम ने उन मजदूरों का चयन किया है, जो सीवर या सैप्टिक टैंक की सफाई के काम से जुड़े हुए थे।
चयनित सफाईकर्मियों को आजीविका सहायता इस योजना के तहत स्वच्छता से संबंधित उपकरणों की खरीद के लिए सफाई कर्मचारियों को वित्तीय सहायता एवं सब्सिडी (पूंजी और ब्याज) प्रदान करके मशीनीकरण तथा उद्यम विकास को बढ़ावा देगी। यह निर्णय अब राष्ट्रीय सफाई कर्मचारी वित्त एवं विकास निगम द्वारा लिया जाएगा। समूहों को स्वच्छता संबंधी वाहनों की खरीदारी के लिए पांच लाख तक की सब्सिडी दी जाएगी। इस बाबत नगर आयुक्त रविराज शर्मा ने कहा कि नमस्ते स्कीम का उद्देश्य निगम से जुड़े सफाईकर्मियों के जीवन स्तर में सुधार लाना है। पहले चरण में 29 सफाईकर्मियों का चयन किया गया है। उनकी प्रोफाइल तैयार कर सरकार के पास भेज दी गई है।
आगामी लोकसभा चुनाव की तैयारियों को लेकर जिला प्रशासन जुट गया है। मंगलवार को स्वीप कोषांग की बैठक नगर आयुक्त की अध्यक्षता में हुई। बैठक में चुनाव के दौरान वोटरों में जागरुकता चलाने का निर्णय लिया गया। निकाय क्षेत्र में इसकी जिम्मेवारी नगर निगम को सौंपी गई है।
इसमें निगम को सेल्फी कंपीटीशन, फेसबुक-इंस्टाग्राम रील कंपीटीशन, बाइक रैली, साइकिल रैली, नुक्क्ड़ नाटक जैसे जागरुकता अभियान चलाए जाएंगे। इस दौरान नए वोटरों के साथ पुराने वोटरों को जागरूक कर लोकसभा चुनाव में मतदान करने के लिए प्रेरित किया जाएगा।
भारत में स्वच्छता-सफाई संबंधी कार्यों में होने वाली मौतों को शून्य करना।
स्वच्छता के सभी कार्य कुशल श्रमिकों से कराना।
कोई भी सफाई कर्मचारी हाथों से ड्रेन या सैप्टिक टैंक की सफाई न करे।
स्वच्छता कर्मचारियों को स्वयं सहायता समूहों में शामिल करना।