Jharkhand में 108 एंबुलेंस सेवा गंभीर संकट में, बाबूलाल मरांडी ने उठाये सवाल

Update: 2024-12-24 09:14 GMT
Ranchi रांची : बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी ने राज्य के 108 एंबुलेंस सेवा पर सवाल खड़े किये हैं. उन्होंने अपने सोशल मीडिया पोस्ट पर लिखा है कि झारखंड में 108 एंबुलेंस सेवा, जो आपातकालीन चिकित्सा सहायता के लिए जनजीवन का अहम हिस्सा है, गंभीर चुनौतियों का सामना कर रही है. प्राप्त जानकारी के अनुसार, एंबुलेंस के रिस्पांस टाइम में भारी देरी हो रही है. शहरों में औसतन 25 मिनट और ग्रामीण इलाकों में 40 मिनट का समय लगना तय ह. लेकिन वास्तविकता इससे भी
ज्यादा चिंताजनक है.
कॉल करने के 60 मिनट बाद भी नहीं पहुंचती एंबुलेंस
बाबूलाल ने कहा है कि कई बार कॉल करने के 60 मिनट बाद भी एंबुलेंस नहीं पहुंचती, जिससे मरीजों की जान जोखिम में पड़ रही है. जहां 5 मिनट की देरी में लोगों की जिंदगी और मौत तय हो जाती है, वहीं झारखंड में एंबुलेंस 20 से लेकर 30 मिनट तक देरी से पहुंच रही है. समय पर इलाज की सुविधा मिलने से जो मरीज ठीक भी हो सकते हैं, वो भी एंबुलेंस और इलाज के अभाव में अपनी जान गंवाने को विवश हैं. राज्य में कुल 543 एंबुलेंस हैं, लेकिन इनमें से 77 एंबुलेंस खराब हालत में हैं और सेवा से बाहर हैं.
हर 21 हजार की आबादी पर होनी चाहिए एक एंबुलेंस
नियमानुसार, हर 21 हजार की आबादी पर एक एंबुलेंस होनी चाहिए, लेकिन झारखंड में यह औसत 34 हजार से अधिक है. खराब प्रबंधन और संसाधनों की कमी से मरीजों को समय पर मदद नहीं मिल पा रही है, जिससे उनको अपनी जान तक गंवानी पड़ रही है. मुख्यमंत्री से कहा है कि लोगों की जिंदगी से खिलवाड़ करना बंद करें और तत्काल सार्थक कदम उठाकर इस संवेदनशील मुद्दे पर गंभीरता से विचार करें. साथ ही साथ संसाधनों एवं इलाज की पुख्ता व्यवस्था करें, ताकि इलाज के अभाव में किसी भी झारखंडी की जान न जाये.
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