आज पहला जत्था करेगा बाबा बर्फानी के दर्शन, डमरू और त्रिशूल करा रहे अलग एहसास

बम-बम भोले, जय बाबा बर्फानी और भारत माता की जय के जयघोष के साथ बुधवार तड़के आधार शिविर भगवती नगर जम्मू से श्री अमरनाथ यात्रा के लिए 176 वाहनों में 4890 शिव भक्तों का पहला जत्था कश्मीर के लिए रवाना हुआ।

Update: 2022-06-30 04:19 GMT

फाइल फोटो 

जनता से रिश्ता वेबडेस्क। बम-बम भोले, जय बाबा बर्फानी और भारत माता की जय के जयघोष के साथ बुधवार तड़के आधार शिविर भगवती नगर जम्मू से श्री अमरनाथ यात्रा के लिए 176 वाहनों में 4890 शिव भक्तों का पहला जत्था कश्मीर के लिए रवाना हुआ। देर शाम को कड़ी सुरक्षा के बीच जत्था बालटाल और पहलगाम बेस कैंपों पर पहुंच गया था। भोलेनाथ के प्रति भक्तों का उत्साह देखते ही बन रहा है। वीरवार तड़के आधिकारिक तौर पर पहला जत्था पारंपरिक बालटाल और पहलगाम रूट से पवित्र गुफा की ओर प्रस्थान करके बाबा बर्फानी के पहले दर्शन करेगा। कोविड महामारी के दो साल बाद यात्रा हो रही है।

उप राज्यपाल मनोज सिन्हा ने बुधवार तड़के आधार शिविर भगवती नगर में वैदिक मंत्रोच्चार के बीच हरी झंडी दिखाकर जम्मू से पहले जत्थे को रवाना किया। उन्होंने जम्मू-कश्मीर में शांति, समृद्धि और एक सुरक्षित आध्यात्मिक यात्रा के लिए प्रार्थना की। इस दौरान पूरा माहौल शिवमय बना हुआ था। आधार शिविर पूरी तरह से शिवभक्तों से पैक था। सीआरपीएफ के बैंड की धुनों से भक्तों का स्वागत किया गया। जंगम बाबा ने भगवान शिव की कथा सुनाकर पूरे माहौल को भक्तिमय बनाया। 43 दिन की यात्रा की शुरुआत पर भोले के भक्त झूमते नजर आए।
उनका कहना था कि आतंकी गतिविधियों से निपटने के लिए हमारे सुरक्षाबल पूरी तरह से मुस्तैद हैं, इसलिए हम बिना खौफ बाबा के दर्शन करेंगे। जत्थे की रवानगी के दौरान तपिश और भारी उमस भी भक्तों के जोश को कम नहीं कर सकी। कोई डमरू तो कोई त्रिशूल साथ लेकर बाबा की शक्ति का अहसास करवा रहा था। यात्रा के लिए हजारों सुरक्षाबलों को तैनात किया गया है। वीरवार तड़के बालटाल और पहलगाम बेस कैंप से पहला जत्था पवित्र गुफा की ओर बढ़ेगा। दक्षिण कश्मीर पहलगाम से नुनवान रूट से पवित्र गुफा की दूरी 32 किमी और मध्य कश्मीर गांदरबल में बालटाल मार्ग से यह फासला 14 किमी है। बालटाल से जाने वाले श्रद्धालु पवित्र गुफा में पहले दर्शन करके लौट सकेंगे। पहलगाम में नुनवान बेस कैंप में श्रद्धालु रुकेंगे।
श्री अमरनाथ जी की पवित्र गुफा दक्षिण कश्मीर हिमालय में 13500 फुट की ऊंचाई पर स्थित है। वर्ष 2019 में जम्मू-कश्मीर के पुनर्गठन पर अमरनाथ यात्रा को बीच में स्थगित करना पड़ा था, जिसके बाद दो साल कोविड महामारी के कारण यात्रा नहीं हो पाई। वर्ष 2019 में 3.42 लाख श्रद्धालुओं ने बाबा बर्फानी के दर्शन किए थे। यात्रा की सुरक्षा के लिए जम्मू शहर में ही पांच हजार सुरक्षाकर्मी तैनात किए गए हैं।
बालटाल और पहलगाम के लिए जम्मू से 4890 यात्री रवाना हुए
पहलगाम
यात्री 3750
पुरुष व महिलाएं-3699 साधु-49
साधवी-2
बालटाल
यात्री 1140
पुरुष व महिलाएं-1097
साधु -43
कमांडो बाइक स्क्वायड का सुरक्षा कवच
आधार शिविर भगवती नगर जम्मू में पहले जत्थे में शामिल श्रद्धालुओं को संयुक्त कमांडो बाइक स्क्वायड दस्ते ने सुरक्षा कवच दिया। इसमें कई बाइक के पीछे सीट बनाई गई थी, ताकि उसका उपयोग किसी श्रद्धालु के घायल होने पर उसे अस्पताल ले जाने के लिए किया जा सके।
पहली बार आरएफआईडी से निगरानी
बाबा बर्फानी के भक्तों की लोकेशन पर लगातार नजर रखने के लिए पहली बार रेडियो फ्रीक्वेंसी आइडेंटिफिकेशन (आरएफआईडी) कार्ड जारी किया गया है। इससे यात्रियों की सुरक्षा और पुख्ता की गई है। वहीं, पुलिस ने अमरनाथ यात्रियों को लाने ले जाने की सेवा में लगे वाहनों के लिए विशेष स्टिकर जारी किए हैं। स्टिकर के बिना वाहनों को अमरनाथ की पवित्र गुफा की ओर जाने की अनुमति नहीं मिलेगी।
2019 में आए थे 3.42 लाख यात्री
वर्ष 2019 की अमरनाथ यात्रा में एक जुलाई से एक अगस्त तक 3.42 लाख श्रद्धालु देश भर से पहुंचे थे। अनुच्छेद 370 हटाए जाने पर यात्रा को बीच में ही रोक दिया गया था।
ड्रोन से आधार शिविरों की निगरानी
जम्मू, पहलगाम और बालटाल स्थिति आधार शिविरों की सुरक्षा व्यवस्था काफी कड़ी थी और ड्रोन के जरिए यहां के चप्पे-चप्पे पर नजर रखी जा रही थी।
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