जम्मू की सुचेतगढ़ सीट बहाल, पुंछ-हवेली अब होगी ओपन, एसटी के लिए राजोरी सीट आरक्षित
परिसीमन आयोग ने सहयोगी सदस्यों के सुझावों व आपत्तियों पर विचार करने तथा कुछ सुझावों को मानने के बाद संशोधित ड्राफ्ट रिपोर्ट शुक्रवार को सदस्यों के साथ साझा की।
जनता से रिश्ता वेबडेस्क। परिसीमन आयोग ने सहयोगी सदस्यों के सुझावों व आपत्तियों पर विचार करने तथा कुछ सुझावों को मानने के बाद संशोधित ड्राफ्ट रिपोर्ट शुक्रवार को सदस्यों के साथ साझा की। सदस्यों से संशोधित रिपोर्ट पर चार मार्च तक यदि कोई असहमति हो तो देने को कहा है। संशोधित ड्राफ्ट रिपोर्ट के अनुसार जम्मू की सुचेतगढ़ सीट को बहाल कर दिया गया है। इसी प्रकार कश्मीर की हब्बाकदल और डोडा की इंद्रवाल सीट का दोबारा से पुराने रूप में बहाल कर दिया गया है। पुंछ-हवेली सीट दोबारा से ओपन हो गई है और अब राजोरी सीट एसटी के लिए आरक्षित हो जाएगी।
सूत्रों के अनुसार आरएस पुरा सीट में आने वाले नगर परिषद क्षेत्र को जम्मू दक्षिण के साथ जोड़ दिया गया है। अब इस सीट का नाम आरएस पुरा-जम्मू दक्षिण हो जाएगा। सुचेतगढ़ सीट को अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित रखा जाएगा। राजोरी सीट से डुंगी को अलग कर दिया गया था, लेकिन अब इसे दोबारा से राजोरी के साथ जोड़ दिया गया है। पहले पुंछ-हवेली सीट को अनुसूचित जनजाति के लिए आरक्षित रखा गया था, लेकिन अब यह ओपन हो जाएगा। राजोरी सीट अनुसूचित जनजाति के लिए आरक्षित हो जाएगा। भाजपा के एक सांसद ने रिपोर्ट मिलने की पुष्टि करते हुए बताया कि आयोग ने चार मार्च तक संशोधित ड्राफ्ट पर रिपोर्ट मांगी है।
दिल्ली, जम्मू में सांसदों को सौंपी गई रिपोर्ट
आयोग की अध्यक्ष जस्टिस (सेवानिवृत्त) रंजना देसाई की अध्यक्षता में वीरवार को हुई बैठक में सांसदों के सुझावों तथा आपत्तियों पर विचार करते हुए कुछ सुझावों को स्वीकार करने पर सहमति बनी। इसी के तहत सुझावों को शामिल करते हुए संशोधित ड्राफ्ट रिपोर्ट शुक्रवार को सदस्यों को सौंपी गई। भाजपा सांसद डा. जितेंद्र सिंह व नेकां सांसद हसनैन मसूदी दिल्ली में हैं जिन्हें रिपोर्ट सौंप दी गई है। जम्मू में भाजपा सांसद जुगल किशोर शर्मा को भी रिपोर्ट सौंप दी गई है। कश्मीर में नेकां सांसद डा. फारूक अब्दुल्ला व मोहम्मद अकबर लोन को शनिवार तक रिपोर्ट सौंपे जाने की उम्मीद है।
चार मार्च के बाद रिपोर्ट कभी भी हो सकती है सार्वजनिक
सूत्रों ने बताया कि चार मार्च के बाद कभी भी परिसीमन रिपोर्ट को सार्वजनिक किया जा सकता है। जनता से इस पर सुझाव तथा आपत्तियां मांगी जाएंगी। इन आपत्तियों का निस्तारण करने के बाद रिपोर्ट को अंतिम रूप दिया जाएगा। आयोग का कार्यकाल छह मई तक है। इससे पहले रिपोर्ट को अंतिम रूप दे दिया जाएगा।