कश्मीर में आतंकी हिंसा फैलाने सहित कई साजिशों का पर्दाफाश करने में जुटी NIA
कई साजिशों का पर्दाफाश करने में जुटी NIA
कश्मीर में आतंकी हों या उनके मददगार। ओवरग्राउंड वर्कर (ओजीडब्ल्यू) या देशविरोधी तत्व। राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआइए) का नाम सुनते ही देश के दुश्मनों के खेमे में खलबली मच जाती है। एनआइए इस समय कश्मीर में टेरर फडिंग, आतंकी हमलों, ड्रोन हमले और देश में आतंकी हिंसा फैलाने सहित कई साजिशों का पर्दाफाश करने में जुटी है। पिछले छह माह में ही एनआइए ने जम्मू कश्मीर में ताबड़तोड़ 125 से ज्यादा ठिकानों पर छापे मारकर 30 से ज्यादा आतंकियों, उनके मददगारों और राष्ट्रविरोधी तत्वों को गिरफ्तार किया है। छापों के दौरान कई आपत्तिजनक समान, इलेक्ट्रानिक उपकरण भी बरामद किए जा चुके हैं। कई मामलों में पक्के सुबूत जुटाकर एनआइए कोर्ट में आरोपपत्र दायर कर आतंकियों को सजा भी दिलवा चुकी है। यह कार्रवाई अभी भी जारी है।
टेरर फडिंग, आतंकी हमलों, देश में आतंकी हिंसा और ड्रोन जैसी साजिशों का कर रही पर्दाफाश
जम्मू कश्मीर में सेना व सुरक्षाबल आतंकवाद के समूल नाश में जुटे हैं। वहीं, एनआइए आतंकियों को संरक्षण देने वाले राष्ट्रद्रोही ताकतों को जड़ से खत्म करने के अभियान पर है। कश्मीर में एनआइए के छापे आतंकियों के मददगारों की कमर तोड़ रहे हैं। यह मददगार ही आतंकियों को फंड, हथियार व अन्य सहायता उपलब्ध करवाते हैं। एनआइए आतंकी घटना की केवल जांच ही नहीं कर रही, बल्कि आतंकवाद को पोषित करने वाले देश के गद्दारों के खिलाफ कोर्ट में मजबूत चालान पेश कर उसे अंजाम तक पहुंचा रही है।
बता दें कि वर्ष 2008 के मुंबई हमले के पश्चात आतंकवाद का मुकाबला करने के लिए एक केंद्रीय एजेंसी की जरूरत महसूस की गई थी। इसके बाद ही एनआइए का गठन किया गया था। इसके बाद से एनआइए ने देश, विशेषकर कश्मीर में आतंकी तत्वों पर शिकंजा कसा है। दक्षिण कश्मीर के पुलवामा में वर्ष 2019 को सीआरपीएफ की बस पर आतंकी हमले में 40 जवानों की शहादत मामले की जांच भी एनआइए कर पाकिस्तान की साजिश का पर्दाफाश किया था।
एनआइए ऐसे कर रही मामलों का पर्दाफाश :
8 अगस्त 2021 :
एनआइए ने टेरर फंडिंग के मामले में लगातार दो दिन जम्मू कश्मीर में जमात-ए-इस्लामी के कार्यकर्ताओं व अन्य तत्वों के 61 ठिकानों पर ताबड़तोड़ छापेमारी की। इस दौरान कई आपत्तिजनक दस्तावेज और इलेक्ट्रानिक उपकरण भी बरामद किए गए। जांच में पता चला कि जमात-ए-इस्लामी के कार्यकर्ता स्थानीय स्तर पर और विदेश से धनराशि एकत्र कर इसका इस्तेमाल राष्ट्रविरोधी गतिविधियों में करते थे।
10 अक्टूबर :
एनआइए ने जम्मू कश्मीर में 16 जगहों पर छापेमारी की। यह छापेमारी जम्मू में आइईडी बरामदगी और आतंकी संगठन आइएस की वायस आफ हिंद पत्रिका के भड़काऊ लेख के मामले में मारे गए थे। इस दौरान आतंकी संगठन द रजिस्टेंस फ्रंट (टीआरएफ) के दो ओवर ग्राउंड वर्करों को गिरफ्तार किया गया। एनआइए की जांच में पता चला कि आतंकियों ने जम्मू में आइईडी धमाकों से आम लोगों की हत्या की साजिश रची थी, जिसे नाकाम बना दिया गया।
22 अक्टूबर :
एनआइए ने कश्मीर में 10 ठिकानों पर दबिश देकर आतंकी संगठन इस्लामिक स्टेट आफ जम्मू कश्मीर (आइएसजेके) के कमांडर की बहन समेत आठ आतंकियों व उनके मददगारों को गिरफ्तार किया। यह कार्रवाई जैश-ए-मोहम्मद, अल-बदर, हिजबुल मुजाहिदीन, टीआरएफ व पीपुल्स एंटी फासिस्ट फ्रंट (पीएएफएफ) जैसे आतंकी संगठनों द्वारा मिलकर जम्मू कश्मीर समेत देश के विभिन्न हिस्सों में आतंकी गतिविधियों को अंजाम देने की रची गई साजिश से संबंधित मामले में की गई। इस मामले में अभी तक 13 आतंकियों व उनके मददगारों को पकड़ा जा चुका है।
12 अक्टूबर :
एनआइए ने श्रीनगर, पुलवामा, शोपियां में 16 जगहों पर छापेमारी की और चार ओवर ग्राउंड वर्करों को गिरफ्तार किया। आतंकवादियों के यह मददगार हिंसक गतिविधियों को अंजाम देने के लिए साजिश रच रहे थे।
13 अक्टूबर :
जम्मू कश्मीर व अन्य शहरों में हिंसक गतिविधियों देने की साजिश रचने के मामले में एनआइए ने श्रीनगर में दो जगहों पर छापे मारे और पांच लोगों को गिरफ्तार किया।
23 अक्टूबर :
एनआइए ने टेरर फंडिंग के मामले में कोर्ट में पुख्ता सुबूत पेश कर हिजबुल मुजाहिद्दीन के चार आतंकियों को सजा दिलवाई।
21 सितंबर :
एनआइए ने अनंतनाग, बारामुला, कुलगाम, डोडा, किश्तवाड़, श्रीनगर में आठ जगहों पर छापे मारे। ये छापे जम्मू के बठिंडी से 27 जून को पांच किलोग्राम आइईडी बरामदगी के मामले में हुई।