महबूबा मुफ्ती बोली- उम्मीद है जम्मू-कश्मीर को न्याय मिलेगा और सुप्रीम कोर्ट अनुच्छेद 370 बहाल करेगा
पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी की अध्यक्ष महबूबा मुफ्ती ने सोमवार को कहा कि वह निराश हैं कि उच्चतम न्यायालय ने अनुच्छेद 370 को रद्द किये जाने को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर पिछले 3 वर्षों के दौरान सुनवाई नहीं की.
जनता से रिश्ता वेबडेस्क। पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (PDP) की अध्यक्ष महबूबा मुफ्ती ने सोमवार को कहा कि वह निराश हैं कि उच्चतम न्यायालय ने अनुच्छेद 370 को रद्द किये जाने को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर पिछले 3 वर्षों के दौरान सुनवाई नहीं की. लेकिन उन्होंने उम्मीद जतायी कि शीर्ष अदालत जम्मू-कश्मीर के साथ न्याय करेगी और उसका विशेष दर्जा बहाल करेगी.
मुफ्ती ने उत्तर कश्मीर के कुपवाड़ा जिले में संवाददाताओं से कहा, ''हम बहुत निराश हैं कि उच्चतम न्यायालय को 3 साल लग गए. यह मामला संवेदनशील है. लोगों का जीवन और सम्मान इस पर निर्भर है.'' जम्मू-कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री मुफ्ती ने कहा कि उच्चतम न्यायालय द्वारा दिल्ली के जहांगीरपुरी इलाके को लेकर फैसले की अवमानना पर कार्रवाई नहीं करने के बाद लोगों के दिल और दिमाग में आशंकाएं हैं.
उन्होंने कहा, ''दिल्ली के जहांगीरपुरी को लेकर हमारा अनुभव जहां उच्चतम न्यायालय के आदेशों के बावजूद अतिक्रमण- रोधी अभियान जारी रहा, मुझे लगता है कि अदालत की अवमानना हुई, लेकिन हमने इस पर शीर्ष अदालत द्वारा कोई कार्रवाई नहीं देखी है, जो उसे करनी चाहिए थी. उसे उन अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई करनी चाहिए थी जो अदालत की अवमानना में शामिल थे और अदालत के आदेशों का अनुपालन नहीं किया था. इसलिए, हमें कई आशंकाएं हैं.''
मुफ्ती ने हालांकि उम्मीद जतायी कि ''उच्चतम न्यायालय न्याय करेगा'' और जम्मू-कश्मीर के ''विशेष दर्जे को बहाल करने'' को लेकर आगे की कार्रवाई होगी. उन्होंने कहा, ''मुझे उम्मीद है कि उच्चतम न्यायालय इसे (जम्मू कश्मीर की विशेष स्थिति जिसे पांच अगस्त, 2019 को केंद्र द्वारा रद्द कर दिया गया था) को बहाल करेगा.''
परिसीमन प्रक्रिया के बारे में पूछे जाने पर, मुफ्ती ने कहा कि यह उस प्रक्रिया का एक हिस्सा था जो पांच अगस्त, 2019 को जम्मू-कश्मीर की मुस्लिम बहुल स्थिति को बदलने के लिए शुरू हुई थी. उन्होंने कहा, ''यह उस प्रक्रिया का एक और हिस्सा है. उन्होंने (जम्मू कश्मीर की) जनसांख्यिकी को राजनीतिक रूप से बदलने के लिए एक राजनीतिक मंच बनाया. वे जम्मू-कश्मीर में मुसलमानों की स्थिति को बहुसंख्यक से अल्पसंख्यक में बदलना चाहते हैं.'' उन्होंने आरोप लगाया कि भाजपा ने जम्मू-कश्मीर के लोगों को ''शक्तिहीन करने'' के लिए सभी प्रयास किए हैं.
विधानसभा चुनाव के बारे में पूछे गए एक सवाल पर पीडीपी प्रमुख ने कहा कि चुनाव कराने से जम्मू-कश्मीर की समस्याएं हल नहीं होंगी. उन्होंने कहा, ''हम यह नहीं कह सकते कि वे (चुनाव) कब होंगे. मुझे लगता है कि यहां लोगों की समस्याओं का हल सिर्फ चुनाव ही नहीं है. हल कई चीजों में निहित है जो केंद्र सरकार को करना है, लेकिन वह नहीं कर रही है.''