J&K : 17 साल बाद तरल विस्फोटक की वापसी

Update: 2024-06-14 08:58 GMT
Srinagar श्रीनगर : जम्मू-कश्मीर के आतंकी परिदृश्य में तरल विस्फोटक 17 साल बाद फिर से वापसी करता दिख रहा है, क्योंकि हाल ही में पुलिस ने एक आतंकवादी ठिकाने पर छापेमारी में ‘लिक्विड इम्प्रोवाइज्ड एक्सप्लोसिव डिवाइस' बरामद किया है। अधिकारियों ने कहा कि खुफिया जानकारी मिली है कि PAKISTHAN स्थित आतंकवादी समूह अब तरल विस्फोटकों का इस्तेमाल करेंगे। उन्होंने कहा कि इसे एक बड़े खतरे के रूप में देखा जा सकता है क्योंकि ऐसे विस्फोटकों को ‘डी2डी' श्रेणी में रखा जा
सकता
है।
ड्रोन से भेजे जाने का शक
उन्होंने बताया कि जम्मू-कश्मीर पुलिस ने फरवरी, 2022 में जम्मू में अंतर्राष्ट्रीय सीमा के पास पाकिस्तानी ड्रोन से फैंके हथियार और गोला-बारूद बरामद किए थे। बरामद किए गए विस्फोटकों में सफेद तरल की 3 बोतलें भी शामिल थीं। इन बोतलों को एक लीटर की बोतलों में पैक किया गया था। अधिकारियों ने बताया कि फोरैंसिक जांच से पता चला कि यह ट्राइनाइट्रो टॉलुईन (टी.एन.टी.) या नाइट्रोग्लिसरीन हो सकता है, जिसका इस्तेमाल आमतौर पर डायनामाइट में किया जाता है, लेकिन इस संबंध में अभी अंतिम
REPORT
नहीं आई है। अधिकारियों ने इस आशंका से इंकार नहीं किया कि इस तरह के विस्फोटक कश्मीर घाटी में पहुंचा दिए गए होंगे।
‘लिक्विड इम्प्रोवाइज्ड एक्सप्लोसिव डिवाइस' का पता लगाना होता है मुश्किल
एक अधिकारी ने बताया कि इस ‘लिक्विड इम्प्रोवाइज्ड एक्सप्लोसिव डिवाइस' का पता लगाना मुश्किल होता है और इसलिए इसे डिफीकल्ट टू डीटैक्ट (D2D) श्रेणी में रखा गया है।
लश्कर आतंकी रियाज डार व रईस डार के ओवर ग्राउंड वर्कर ने किया था खुलासा
इस महीने की शुरूआत में पुलवामा में हुई मुठभेड़ में लश्कर-ए-तैयबा का आतंकी कमांडर रियाज डार उर्फ सथार और उसका साथी रईस डार मारा गया था। इसके बाद पुलिस ने आतंकवादियों के एक ‘ओवर ग्राउंड वर्कर' (OGW.) को गिरफ्तार किया था। इसी ओ.जी.डब्ल्यू. से तरल आई.ई.डी. बरामद हुआ है। रियाज डार 2014 में प्रतिबंधित संगठन लश्कर-ए-तैयबा में शामिल हो गया था और उसने मारे गए पाकिस्तानी आतंकवादियों अबू दुजाना और अबू इस्माइल के साथ काम किया था। वह कई आतंकवादी गतिविधियों में शामिल था। रियाज पर 10 लाख रुपए से अधिक का नकद इनाम घोषित था। वहीं, रईस डार पर 5 लाख रुपए का नकद इनाम घोषित था। POLICE ने मुठभेड़ के तुरंत बाद लश्कर आतंकवादियों के लिए काम करने वाले ओ.जी.डब्ल्यू. के खिलाफ कार्रवाई की और उनमें से चार को गिरफ्तार कर लिया।
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