जम्मू-कश्मीर अमरनाथ यात्रा के लिए पूरी तरह तैयार, मुस्लिम भी करेंगे अगवानी
कोरोना महामारी के चलते दो साल बाद 30 जून से शुरू हो रही अमरनाथ यात्रा के लिए जम्मू-कश्मीर पूरी तरह तैयार है।
जनता से रिश्ता वेबडेस्क। कोरोना महामारी के चलते दो साल बाद 30 जून से शुरू हो रही अमरनाथ यात्रा के लिए जम्मू-कश्मीर पूरी तरह तैयार है। हिंदू समाज ही नहीं, मुस्लिम भी बाबा बर्फानी के भक्तों की अगवानी करने को आतुर हैं। जम्मू-कश्मीर के प्रवेश द्वार लखनपुर से लेकर आधार शिविर और पवित्र गुफा तक शिव भक्तों के लिए लंगर व्यवस्था के साथ ही सभी प्रकार की मूलभूत सुविधाएं मुहैया कराई गई हैं। होटल वालों, टैक्सी ऑपरेटरों और ड्राई फ्रूट्स के कारोबारियों ने अमरनाथ यात्रियों के लिए छूट का एलान किया है। पिछले दो साल से कारोबार ठप होने से मायूस अमरनाथ यात्रियों से सालभर की आजीविका की आस लिए घोड़े वाले, पिट्ठू वाले और पालकी वालों के चेहरे खिल गए हैं।
अमरनाथ यात्रियों का कश्मीरी कई दशकों से मेहमाननवाजी करते रहे हैं। इस बार भी पंचायती राज संस्थाओं के प्रतिनिधियों व नुमाइंदों ने स्वागत की ऐसी तैयारी की है कि यहां से लौटने वाले भोले बाबा के भक्त सुनहरी यादें लेकर लौटें। बांदीपोरा के जिला विकास परिषद सदस्य मोहम्मद तारिक का कहना है कि अमरनाथ यात्रा का कश्मीरी लोगों को इंतजार है। यहां की मेहमाननवाजी पूरी दुनिया में मशहूर है। पिछले कई सालों से कश्मीरियों ने अमरनाथ यात्रियों की मेहमाननवाजी कर कश्मीरियत की मिसाल पेश की है।
अमरनाथ यात्रा से कश्मीर में घोड़े (पोनी), पिट्ठू और पालकी वाले भारी संख्या में जुड़े हुए हैं। पुंछ और राजोरी जिले के भी घोड़े वाले हैं। गांदरबल के पोनी वाले रियाज अहमद का कहना है कि दो साल से कोरोना की वजह से यात्रा नहीं हुई। इस बार यात्रा शुरू होने की बेहद खुशी है। कारण उनकी आजीविका इसी पर निर्भर है। घोड़े, पालकी व टेंट वाले हजारों की संख्या में अमरनाथ यात्रा पर निर्भर रहते हैं। सालभर उन्हें इन दिनों का इंतजार रहता है। उनका कहना है कि यात्रा से जुड़े लोगों के सामाजिक-आर्थिक जीवन में बदलाव आता है। हमारी यही कामना है कि हजारों की संख्या में श्रद्धालु आएं और बाबा भोले का आशीर्वाद लें।
इस बार दोगुने इंतजाम
अमरनाथ यात्रा जम्मू के भगवती नगर स्थित आधार शिविर से शुरू होती है। कश्मीर में बालटाल और पहलगाम दोनों रूट पर आधार शिविर में यात्रियों के लिए विशेष प्रबंध किए गए हैं। नुनवान, शेषनाग, पंजतरणी, बालटाल और पवित्र गुफा में टेंट सिटी विकसित की गई है जहां 70 हजार से अधिक यात्रियों के ठहरने का प्रबंध किया गया है। इसके साथ ही भगवती नगर आधार शिविर से लेकर विभिन्न जिलों में भी यात्रियों के रुकने का प्रबंध किया गया है। श्राइन बोर्ड के अनुसार पिछले वर्षों की तुलना में लगभग दोगुनी क्षमता की गई है। अब कुल 1.30 लाख श्रद्धालुओं के रुकने का प्रबंध किया गया है।
पहली बार श्रीनगर से पहलगाम व नीलग्राथ तक हेलिकॉप्टर सेवा शुरू की गई है। इससे यात्री एक ही दिन में बाबा बर्फानी के दर्शन कर लौट सकता है। सुबह छह से शाम छह बजे तक हेलिकॉप्टर सेवा के लिए ज्यादातर टिकट बुक हो चुके हैं। स्वास्थ्य सुविधाओं का भी बेहतर प्रबंध किया गया है। पहलगाम व बालटाल में डीआरडीओ के दो अस्पताल स्थापित किए गए हैं। इसके अलावा जम्मू-कश्मीर सरकार की ओर से भी अस्पताल की सुविधा है। कुल 320 बेड की क्षमता है, जहां ऑक्सीजन सिलिंडर से लेकर हर प्रकार की सुविधा मुहैया है।
बिना किसी डर के यात्रा के लिए आएं: उप राज्यपाल
उप राज्यपाल मनोज सिन्हा ने कहा कि जम्मू-कश्मीर प्रशासन और आम नागरिकों को यात्रा का इंतजार है। अवाम कश्मीरियत की भावना से अतिथियों का स्वागत करने को आतुर है। निश्चित रूप से यहां आने वाले श्रद्धालु सुखद अनुभव लेकर जाएंगे। स्वास्थ्य से लेकर स्वच्छता तक का विशेष ख्याल रखा गया है। बिजली-पानी की सुचारु आपूर्ति रहेगी। रास्ते भर शौचालय निर्मित किए गए हैं ताकि किसी को दिक्कत न आए। अमरनाथ यात्रा की सुरक्षा को लेकर प्रशासन पूरी तरह सतर्क है। यात्रा की त्रिस्तरीय सुरक्षा रहेगी। इसलिए श्रद्धालु बिना किसी डर-भय के यात्रा के लिए आएं। बालटाल तथा पहलगाम दोनों रूट सेना के हवाले होगी। जम्मू से कश्मीर में आधार शिविर तक रास्ते में सीआरपीएफ के जवान तैनात रहेंगे। प्रत्येक यात्री की ट्रैकिंग होगी। इसके लिए आरएफआईडी सभी को मिलेगा। श्रीनगर में कमांड सेंटर स्थापित किया गया है, जहां से पूरी यात्रा पर नजर रहेगी। किसी भी आपात स्थिति में पूरा अमला जुट जाएगा।
भक्तों को दिक्कत न हो ऐसे हैं प्रबंध: नीतीश्वर
श्री अमरनाथ श्राइन बोर्ड के सीईओ नीतीश्वर कुमार का कहना है कि अमरनाथ यात्रा की पूरी तैयारियां कर ली गई हैं। बाबा भोले के भक्तों को प्रवेश द्वार लखनपुर से लेकर कश्मीर में आधार शिविर व पवित्र गुफा तक किसी प्रकार की परेशानी न हो, इसके लिए आवश्यक प्रबंध किए गए हैं। इस बार यात्रियों को ठहराने की क्षमता में लगभग दोगुना बढ़ोतरी की गई है। मौसम खराब होने की स्थिति में तीन दिन की यात्रा रोकने के प्रबंध किए गए हैं। सभी आधार शिविरों में बिजली पानी की पर्याप्त व्यवस्था सुनिश्चित की गई है।
प्री पेड बूथ से ही मिलेंगे पिट्ठू, घोड़े वाले
श्री अमरनाथ श्राइन बोर्ड ने यात्रियों को ओवर चार्ज से बचाने के लिए इस बार प्री पेड बूथ की व्यवस्था की है। इन बूथों से निर्धारित दर पर पिट्ठू, घोड़े वाले मिलेंगे। बिना प्री पेड बूथ के इन सेवाओं को नहीं लिया जा सकता है। बोर्ड प्रशासन का कहना है कि इससे श्रद्धालुओं को अधिक राशि का भुगतान नहीं करना होगा।
बालटाल से दोमेल तक 15 बैटरी कार
अमरनाथ यात्रियों को पहली बार बालटाल से दोमेल तक श्रद्धालुओं को बैटरी कार सुविधा भी मिलेगी। यह सुविधा मुफ्त में होगी। इसके लिए 15 बैटरी कार होंगी। बैटरी कार बुजुर्गों, बीमारों और अशक्तों को मिलेगी। साधुओं की यात्रा बिल्कुल मुफ्त होगी।
टेंट सिटी की क्षमता
नुनवान 8000
शेषनाग 13000
पंजतरणी 23000
बालटाल 25000
पवित्र गुफा 1500
अमरनाथ यात्रा
अमरनाथ यात्रा
दो यात्रा रूट
जम्मू-पहलगाम-पवित्र गुफा: यह पारंपरिक यात्रा मार्ग है। श्रीनगर से 96 किलोमीटर दूर वाहन के जरिये यात्री पहले समुद्रतल से 7200 फुट की ऊंचाई पर स्थित पहलगाम बेस कैंप पहुंचते हैं। इसके बाद चंदनबाड़ी (8500 फुट) आता है जो पहलगाम से 16 किमी दूरी पर है। यात्री पिस्सू टॉप से होते हुए शेषनाग पहुंचते हैं। यहां से 13 किमी की दूरी पर पंचतरणी और फिर छह किमी दूर 12729 फुट की ऊंचाई पर बाबा की गुफा तक यात्री पहुंचते हैं। 46 किलोमीटर लंबे इस पूरे यात्रा मार्ग से यात्रा करने में अमूमन तीन रातें रास्ते में बितानी पड़ती हैं।
जम्मू-बालटाल-पवित्र गुफा: यह रास्ता कम दूरी का है। बालटाल से पवित्र गुफा तक 14 किलोमीटर की दूरी है। दोनों ओर से 28 किमी की दूरी तय कर भक्त एक ही दिन में बाबा बर्फानी के दर्शन कर सकते हैं। हालांकि, इस रास्ते में बारिश और मौसम खराब होने की स्थिति में यात्रा को रोकना पड़ता है।
उपलब्ध होंगे प्रीफैब्रिकेटेड हट और टेंट
श्री अमरनाथ यात्रा 2022 के दौरान यात्रियों के बालटाल, नुनवान, शेषनाग और पंचतरणी में श्री अमरनाथ श्राइन बोर्ड की तरफ से रात में रुकने के लिए प्री फैब्रिकेटेड हट और टेंट उपलब्ध होंगे। श्राइन बोर्ड ने बालटाल में रात को प्री फैब्रिकेटेड हट या टेंट में रुकने का शुल्क 560 रुपये निर्धारित किया है। इसमें रजाई, गद्दा, टेबल और तकिया भी मिलेगा। नुनवान में एक रात रुकने के लिए किराया 275 रुपये से लेकर 350, शेषनाग में रुकने के लिए 450 से लेकर 500 रुपये निर्धारित किया गया है। पंचतरणी में एक रात रुकने के लिए किराया 550 से लेकर 600 रुपये तक होगा। पवित्र गुफा के पास स्थापित टेंटों में एक रात रुकने का किराया 790 रुपये लेकर 1060 रुपये रहेगा। ब्यूरो
जम्मू में हेल्पलाइन नंबर - 01912571912, 2571616
व्हाट्सएप नंबर- 9622011623, 7889708556
यात्री निवास भगवती नगर- 01912505028
यात्रियों का आंकड़ा
वर्ष संख्या (लाख में)
2010 4.55
2011 6.36 (रिकॉर्ड)
2012 6.20
2013 3.53
2014 3.72
2015 3.52
2016 2.20
2017 2.60
2018 2.85
2019 3.40