जम्मू-कश्मीर: चौबीस घंटे के भीतर कोरोना के 4354 नए मामले मिले, पांच की मौत, लगातार तीसरे दिन संक्रमितों की संख्या में कमी
कोविड की तीसरी लहर में कुछ राहत मिलती दिख रही है। जम्मू-कश्मीर में पिछले तीन दिन से दैनिक संक्रमित मामलों में गिरावट देखी गई है।
जनता से रिश्ता वेबडेस्क। कोविड की तीसरी लहर में कुछ राहत मिलती दिख रही है। जम्मू-कश्मीर में पिछले तीन दिन से दैनिक संक्रमित मामलों में गिरावट देखी गई है। प्रतिदिन 60 से 70 हजार कोविड परीक्षण किए जा रहे हैं। इस बीच प्रदेश में शुक्रवार को 4354 नए संक्रमित मामले मिले, इसमें जम्मू संभाग से 1440 और कश्मीर संभाग से 2914 मामले हैं। राजधानी जम्मू और श्रीनगर में भी संक्रमित मामलों में गिरावट जारी है।
पिछले चौबीस घंटे में पांच संक्रमित मरीजों ने दम तोड़ दिया, जिसमें जम्मू संभाग में तीन मौते हुई हैं। प्रदेश में वर्तमान में 45156 सक्रिय मामले हैं। पिछले तीन दिन से प्रदेश में संक्रमित मामलों में गिरावट आई है। गत 25 जनवरी को सर्वाधिक 6570 संक्रमित मामले थे और उस दिन 74 हजार से ऊपर कोविड परीक्षण किए गए थे।
इसी तरह 26 जनवरी को 79 हजार से ऊपर कोविड परीक्षण में 5606, 27 जनवरी को 61 हजार से ऊपर कोविड परीक्षण में 4959 संक्रमित मामले मिले। शुक्रवार को 4354 संक्रमित सामने आए। इनमें जम्मू में 763 संक्रमित मामले हैं। जिले में मौजूदा 6502 सक्रिय मामले हैं।
जीएमसी जम्मू में आरएस पुरा निवासी एक 74 वर्षीय संक्रमित महिला की मौत हुई है। इसी तरह उधमपुर में 111, राजोरी में 43, डोडा में 103, कठुआ में 68, सांबा में 104, किश्तवाड़ में 30, पुंछ में 91, रामबन में 106 और रियासी में 4 यात्रियों समेत 21 मामले मिले हैं। श्रीनगर में 916, बारामुला में 290, बडगाम में 229, कुपवाड़ा में 618, अनंतनाग में 329, बांदीपोरा में 109, कुलगाम में 262 मामले मिले हैं।
70 फीसदी किशोरों का टीकाकरण
जम्मू-कश्मीर में 15 से 17 आयु वर्ग में अनुमानित आबादी पर 70 फीसदी से ऊपर किशोरों का कोविड टीकाकरण कर लिया गया है और अगले कुछ दिन में इसे पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है। प्रदेश में शुक्रवार को 9936 किशोरों का टीकाकरण किया गया।
इस वर्ग में प्रदेश में अनुमानित आबादी 833000 है, जिसमें वर्तमान में 590671 किशोरों का टीकाकरण कर लिया गया है। हालांकि स्वास्थ्य विभाग की ओर से इस अभियान को पहले एक सप्ताह में पूरा करने का दावा किया गया था, लेकिन प्रदेश की भौगोलिक परिस्थितियों में कई चुनौतियां भी रही हैं।