कश्मीर की धरती पर गुलाम नबी आजाद का बड़ा बयान
सब पहले हिंदू थे, कन्वर्ट होकर मुसलमान बने
डोडा: पूर्व कांग्रेसी नेता और डेमोक्रेटिक प्रोग्रेसिव आजाद पार्टी के चीफ गुलाम नबी आजाद का हिंदू धर्म को लेकर बड़ा बयान सामने आया है। जम्मू कश्मीर के डोडा में एक पब्लिक मीटिंग के दौरान गुलाम नबी आज़ाद ने कहा कि कश्मीर के सभी लोग हिंदू धर्म से कन्वर्ट होकर मुस्लिम बने हैं। आजाद ने कहा कि बाहर से चंद लोग ही आए होंगे, बाकी सब हिंदू ही हैं। खासकर कश्मीर के मामले पर बोलते हुए उन्होंने कहा कि कश्मीर में तो आज से 600 साल पहले कोई मुसलमान नहीं था। यहां केवल कश्मीरी पंडित थे, सब कन्वर्ट होकर मुसलमान बन गए। गुलाम नबी आज़ाद ने कहा कि हम बाहर से नहीं आए हैं, हम इसी मिट्टी की पैदावार हैं हमें इसी मिट्टी में खत्म होना है।
बता दें कि आजाद ने ये बयान 9 अगस्त को डोडा में दिया था। इससे पहले जेएनयू की छात्रसंघ नेता शहला राशिद का एक बयान सामने आया था, जिसमें उन्होंने जम्मू-कश्मीर में हुए डेवलपमेंट को लेकर मोदी सरकार की तारीफ की थी।
हिंदू कैसे बने मुसलमान, आजाद ने बताई दास्तान
बता दें कि सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे आजाद के बयान का ये वीडियो 9 अगस्त का है। वीडियो में आजाद कहते हैं, ''हमने हिंदू-मुसलमान मिल के राज्य को ब्राह्मण, दलित, कश्मीरी को जब मिल के सबने इस घर को बनाना है...ये हमारा घर है, यहां कोई बाहर से नहीं आया। यही इसी मिट्टी की पैदावार, इसी मिट्टी में खत्म होना है। मैं पार्लियामेंट में हूं न, बहुत सारी चीजें जो यहां आपको नहीं पहुंचती। हमारे इसी किसी मेयर ने बताया कि भाई कोई बाहर से आए हैं कोई अंदर से आए हैं। मैंने कहा देखो अंदर-बाहर से कोई नहीं आया है। हमारे हिंदुस्तान में इस्लाम सिर्फ...वैसे ही पूरा...इस्लाम तो आया ही है 15 सौ साल पहले। हिंदू धर्म बहुत पुराना है, तो बाहर से आए होंगे 10-20 वो जब मुगलों के वक्त में उनकी फौज में थे बाकि तो सब हिंदू से ही कन्वर्ट हुए हैं मुसलमान में, हिंदुस्तान में और उसकी मिसाल हमारे कश्मीर में है।''
'क्यों करना हिंदू-मुसलमान?'
आगे उन्होंने कहा, ''कश्मीर में कौन था 600 साल पहले मुसलमान। सब कश्मीरी पंडित थे, सब इस्लाम बन गए तो मैंने कहा सब इसी धर्म में पैदा हुए...हमारे हिंदू भाई मरते हैं, वो जलते हैं, जलाते हैं। उसके बाद उनको दरिया में डालते हैं तो हमारे गांव में पानी हमारे पी जाते हैं उसको...बाद में कौन देखता है कि इसमें कहां लाश जली आगे जाकर लोग पीते हैं। हमारे खेतों में जाते हैं, तो आखिर वो हमारे पेट में है। हमारा मुसलमान तो सबसे ज्यादा जगह पकड़ता है, जमीन...हां वो बहुत जमीन पकड़ता है तो वो भी इसी जमीन में जाता है...उसका मांस भी, उसकी हड्डियां भी इसी भारत माता की धरती का हिस्सा बन जाती है तो कहां हिंदू, कहां मुसलमान। हिंदू भी गया इसी में और मुसलमान भी इसी में गया। उससे ऊपर अल्लाह अनाज लगाया वो हम सबने खाया...तो ये सब सियासी झगड़े हैं। मैं हमेशा कहता हूं, मजहब का सहारा, मजहब तो ठीक है अपने लिए लेकिन राजनीति में जो मजहब का सहारा लेता है वो कमजोर होता है। जिसको अपने आप पर विश्वास होगा, भरोसा होगा वो मजहब का सहारा नहीं लेगा।''
पिछले साल बनाई थी नई पार्टी
बता दें कि गुलाम नबी आजाद कांग्रेस के दिग्गज नेताओं में गिने जाते थे। वह लंबे समय तक कांग्रेस में बड़े ओहदों पर रहे। केंद्र सरकार में मंत्री की भी जिम्मेदारी संभाली। गुलाम नबी जम्मू-कश्मीर के सीएम और राज्यसभा सांसद भी रहे। गुलाम नबी के राज्यसभा से रिटायर होते वक्त उनकी तारीफ करते हुए पीएम नरेंद्र मोदी भावुक तक हो गए थे। पिछले साल अगस्त में उन्होंने कांग्रेस छोड़ अपनी डेमोक्रेटिक आजाद पार्टी बना ली थी।