जम्मू-कश्मीर के 19 युवकों की शिकायत के बाद फर्जी वीजा गिरोह का भंडाफोड़

Update: 2023-03-22 06:22 GMT

जम्मु: दिल्ली पुलिस ने फर्जी वीजा रैकेट चलाने वाले गिरोह का भंडाफोड़ कर दो लोगों को गिरफ्तार किया है। गिरोह ने 274 लोगों से तीन करोड़ रुपये की ठगी की।

एक पुलिस अधिकारी ने बताया कि पांच मार्च को जम्मू-कश्मीर के पुंछ निवासी शौकत हुसैन समेत 19 युवकों ने शिकायत दी थी कि वह खाड़ी देशों में नौकरी तलाश रहे थे। इस दौरान फेसबुक पर मीट वीजा नाम के दफ्तर का पता चला। वे सभी सुभाष नगर स्थित दफ्तर पहुंचे। यहां अरमान और अंकित नाम के युवकों ने पासपोर्ट के साथ करीब सवा लाख रुपये प्रति वीजा लिए। कुछ समय बाद पासपोर्ट, वीजा और ऑफर लेटर घर पहुंच गया। लेकिन जब वे एयरपोर्ट पहुंचे तो ठगी का पता लगा। डीसीपी घनश्याम बंसल ने कहा, कॉल डिटेल्स के आधार पर 16 मार्च को आरोपी पकड़ लिए गए।

274 लोगों से तीन करोड़ रुपये की ठगी

1. जम्मू-कश्मीर के 19 युवकों की शिकायत के बाद हुआ खुलासा

2. फेसबुक पर मीट वीजा के नाम से सुभाष नगर में दफ्तर दिखाया

3. हर युवक से सवा लाख रुपये लिए, एयरपोर्ट पहुंचने पर ठगी पता लगी

4. पुलिस ने कॉल डिटेल्स के आधार पर आरोपियों को धर दबोचा

Nepal से जुड़े हैं तार

सुभाष नगर पुलिस में पकड़े गए फर्जी वीजा रैकेट मामले के तार दुबई और नेपाल से जुड़े हैं। गिरफ्तार आरोपी गोगराज ने बताया कि वीजा बनाने का काम नेपाल में बैठा इरफान कर रहा था। वह दस हजार रुपये में वीजा बनाकर भेजता था। कम पासपोर्ट कूरियर से भेजे जाते थे। अगर पासपोर्ट ज्यादा रहते तो तीनों में से एक शख्स नेपाल जाकर यह काम कराता था। वहीं, गोगराज और सुशील को दुबई में बैठे इमरान द्वारा काम मिलता था। वह कमीशन को इमरान के बैंक खाते में जमा करता था। आरोपियों ने पूछताछ में बताया कि वे चार माह से इस जगह पर ऑफिस बनाकर काम कर रहे थे।

इन्होंने अब तक 274 पासपोर्ट का वीजा बनाया था। पुलिस अधिकारी ने बताया कि एक अन्य सदस्य धनंजय राठी की भी तलाश की जा रही है। आरोपी सुशील ने बताया कि वह कनाडा जाने के लिए फेसबुक के जरिए इमरान के संपर्क में आया था। इमरान ने वीजा दिया जो फर्जी था। तभी उसे इस तरह कमाई करने का उपाय सूझा।

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