EC ने जारी किया मतदाता सूची के पुनरीक्षण का कार्यक्रम, जम्मू-कश्मीर में अब एक परिवार और मोहल्ले के लोगों का वोट एक ही मतदान केंद्र पर

चुनाव आयोग की ओर से जम्मू-कश्मीर विधानसभा हलकों के परिसीमन के बाद मतदाता सूची के पुनरीक्षण का कार्यक्रम जारी कर दिया गया है।

Update: 2022-06-14 02:42 GMT

फाइल फोटो 

जनता से रिश्ता वेबडेस्क। चुनाव आयोग की ओर से जम्मू-कश्मीर विधानसभा हलकों के परिसीमन के बाद मतदाता सूची के पुनरीक्षण का कार्यक्रम जारी कर दिया गया है। प्रदेश में 31 अगस्त तक प्रत्येक विधानसभा हलके में मतदाताओं की मौजूदा संख्या का पता लग जाएगा यानी 30 अगस्त को मतदाता सूची का मसौदा प्रकाशित होगा। इसके बाद सितंबर महीने से मतदाताओं सूची में नाम जोड़ना, काटना तथा संशोधन करने का काम तीन साल बाद शुरू होगा। प्रदेश में अब एक परिवार तथा एक मोहल्ले के मतदाताओं का मतदान केंद्र एक ही होगी। दो किलोमीटर से अधिक दूरी पर मतदान केंद्र नहीं होगा। साथ ही किसी प्रकार की प्राकृतिक बाधाओं को भी पार कर मतदान केंद्रों तक नहीं पहुंचना होगा।

चुनाव आयोग की ओर से मुख्य निर्वाचन अधिकारी को विस्तृत कार्यक्रम आयोग की ओर से भेजा गया है। आयोग ने कहा है कि परिसीमन के हिसाब से सृजित नए विधानसभा हलके के अनुसार मतदान केंद्रों का गठन और उनकी मैपिंग की जाएगी। बीएलओ की ओर से घर-घर जाकर मतदाताओं का सत्यापन किया जाएगा। नए मतदान केंद्र बनाने में इस बात का ख्याल रखा जाएगा कि कोई भी परिवार टूटेगा नहीं यानी परिवार के सभी सदस्य एक ही स्थान पर रखे जाएंगे। एक बिल्डिंग और एक गली में रहने वाले मतदाताओं को भी जहां तक संभव हो, एक स्थान पर रखे जाएंगे।
पंचायतों में मकान नंबर न होने पर काल्पनिक नंबर मिलेंगे
आयोग के सचिव अजय कुमार ने प्रदेश के निर्वाचन प्राधिकारी को कार्यक्रम भेजकर कहा है कि मतदाताओं के पते के रूप में उनका पूरा ब्योरा होना चाहिए। मकान नंबर, फ्लैट नंबर, वार्ड नंबर, गांव, शहर, उप जिला, तहसील, जिला, पिन कोड आदि होने चाहिए। यदि पंचायत तथा नगर निकाय की ओर से मकान नंबर नहीं दिया गया होगा तो वहां काल्पनिक (नोशनल) नंबर का इस्तेमाल करना होगा। इसमें स्पष्ट रूप से उल्लिखित करना होगा कि मकान नंबर काल्पनिक है।
लोकसभा चुनाव की मतदाता सूची को बनाया जाएगा आधार
आयोग की ओर से मतदाता सूची पुनरीक्षण से पहले के कार्यक्रम के तहत 15 जून तक अस्टिंट रिटर्निंग अफसर (एईआरओ) तथा ईआरओ की नियुक्ति होगी। 30 जून तक मतदान केंद्रों का निर्धारण होगा। पांच जुलाई तक बीएलओ की नियुक्ति तथा 25 जुलाई तक मतदान केंद्रों का सत्यापन होगा। 31 अगस्त तक ड्राफ्ट मतदाता सूची को तैयार करना है। मतदाता सूची तैयार करने के लिए 2019 में लोकसभा चुनाव की मतदाता सूची को आधार बनाया जाएगा।
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