जिला परिषद कर्मचारियों की हड़ताल आठवें दिन भी जारी

Update: 2023-10-08 12:26 GMT
नेरवा। विभाग में विलय की मांग को लेकर जिला परिषद् कर्मचारियों की आठ दिन से चल रही कलम छोड़ो हड़ताल से पंचायतों के कार्य लगभग पूरी तरह ठप होकर रह गए है। उधर, पंचायती राज प्रतिनिधियों के उनके समर्थन में उतरने से स्थिति और भी नाजुक होती नजर आ रही है। शनिवार को विकास खंड के पंचायत प्रतिनिधियों ने एसडीएम चौपाल को पंचायतों में बाधित हो रहे कार्यों की सूची सौंपी। काबीलेजिक्र है कि ये कर्मचारी न केवल गांव-गांव में आम जनता से जुड़े हुए है, बल्कि इनका जन मानस में काफी प्रभाव रहता है, क्योंकि आम लोग रोजमर्रा की जरुरतों से संबंधित प्रमाण पत्रों, प्रस्तावों इत्यादि के लिए इन पर निर्भर रहते है।
कहने को तो सरकार ने एक वैकल्पिक व्यस्था फिलहाल कर दी है, जिसमें पंचायत चौकीदारों व सिलाई अध्यापिकाओं को इनका कार्यभार सौंपने के निर्देश दिए है, परंतु सबसे बड़ा यक्ष प्रश्न यह है कि क्या ये वास्तव में धरातल पर संभव है। जो लोग बीते कई वर्षों से विभिन्न पदों पर सेवाएं दे रहे है क्या चौकीदारों व सिलाई अध्यापिकाओं से उनका कार्य करवाना मुमकिन है। सरकार के इस आदेश का भी पंचायात जन प्रतिनिधियों के साथ साथ लोग भी खुल कर विरोध कर रहे है कि चौकीदारों व सिलाई अध्यापिकाओं से वो कार्य नहीं करवाएंगे। जिला परिषद कर्मचारी संघ चौपाल के ब्लॉक अध्यक्ष नरेंद्र पांटा ने कहा कि जिला परिषद् कर्मचारियों की एकमात्र मांग है कि उनको पंचायती राज अथवा ग्रामीण विकास विभाग के अधीन किया जाए। उन्होंने कहा कि इन कर्मचारियों को विभाग में लेने से सरकार को कोई अतिरिक्त वित्तीय बोझ पडऩे वाला नहीं है।
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