हमीरपुर। उपायुक्त हेमराज बैरवा ने जिला के सभी सरकारी एवं निजी स्कूलों के प्रमुखों को निर्देश दिए हैं कि वे अपने-अपने संस्थानों के लिए एक सुनियोजित एवं प्रभावी आपदा प्रबंधन योजना तैयार करें और उसी योजना के अनुसार संस्थान में सभी आवश्यक प्रबंध भी करें, ताकि किसी भी तरह की आपात परिस्थिति में बचाव कार्यों को तत्परता के साथ अंजाम दिया जा सके। शनिवार को हमीर भवन में विभिन्न स्कूलों के नोडल अधिकारियों के लिए स्कूल सेफ्टी पर आयोजित एक दिवसीय कार्यशाला के उद्घाटन सत्र को संबोधित करते हुए उपायुक्त ने ये निर्देश दिए। इस कार्यशाला का आयोजन जिला आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (डीडीएमए) ने आपदा जोखिम न्यूनीकरण हेतु अंतरराष्ट्रीय दिवस (आईडीडीआरआर) के अंतर्गत एक अक्तूबर से 15 अक्तूबर तक चलाए जा रहे समर्थ-2023 अभियान के तहत किया। उपायुक्त ने कहा कि किसी भी तरह की आपदा से निपटने के लिए अगर हमारी पहले से ही एक सुनियोजित तैयारी हो तो वास्तव में आपदा आने पर नुकसान को काफी हद तक कम किया जा सकता है।
इसी के मद्देनजर शिक्षण संस्थानों में भी आपदा प्रबंधन पर विशेष बल दिया जा रहा है। उन्होंने प्रतिभागी शिक्षकों से कहा कि वे कार्यशाला में विशेषज्ञों द्वारा दी जाने वाली जानकारियों को अन्य शिक्षकों एवं विद्यार्थियों के साथ भी साझा करें और आपदा प्रबंधन के सभी महत्वपूर्ण पहलुओं को स्कूल आपदा प्रबंधन योजना में शामिल करवाएं। उपायुक्त ने डीडीएमए के अधिकारियों को निर्देश दिए कि वे जिला के सभी स्कूलों के प्रमुखों या नोडल अधिकारियों को आपदा प्रबंधन का प्रशिक्षण प्रदान करें, ताकि वे अपने-अपने संस्थानों में आपदा प्रबंधन के लिए एक प्रभावी तंत्र विकसित कर सकें और विद्यार्थियों को भी इसके प्रति जागरुक एवं सजग कर सकें। इस अवसर पर जिला राजस्व अधिकारी जसपाल सिंह ने उपायुक्त, कार्यशाला के मुख्य वक्ता नवनीत यादव और सभी प्रतिभागियों का स्वागत किया तथा जिला में समर्थ-2023 अभियान के दौरान आयोजित की जा रही विभिन्न गतिविधियों की उपयोगी जानकारी दी।