हिमाचल के शिमला शहर में जल संकट, आधे शहर में नहीं आ रहा पानी, जानिए क्या है वजह

हिमाचल प्रदेश में राजधानी शिमला में सर्दियों के मौसम में शहरवासियों को पानी की किल्लत न हो इसके लिए शिमला जल निगम ने मास्टर प्लान तैयार कर दिया है.

Update: 2021-12-10 03:37 GMT

फाइल फोटो 

जनता से रिश्ता वेबडेस्क। हिमाचल प्रदेश में राजधानी शिमला (Shimla water Crisis) में सर्दियों के मौसम में शहरवासियों को पानी की किल्लत न हो इसके लिए शिमला जल निगम ने मास्टर प्लान तैयार कर दिया है. हालांकि, मौजूदा समय में आधा शहर प्यासा है और पानी की आपूर्ति ठप है. उधर, शिमला जल निगम (Shimla Water Corporation) ने सभी अधिकारियों और कर्मचारियों को फील्ड में तैनात कर सभी तरह के पुख्ता इंतजाम करने के निर्देश दिए हैं.

दरअसल, शिमला शहर में सर्दियों के मौसम में शहर के कोल्ड ज़ोन में पानी जमने की समस्या रहती है, जिससे शहरवासियों को समय पर पानी की आपूर्ति नहीं हो पाती है. इस समस्या से निजात दिलाने के लिए गैस पंप स्टोव का इस्तेमाल कर पाइप गर्म की जाती है, जिसके के लिए जल निगम ने फील्ड कर्मचारियों को गैस पंप स्टोव को तैयार रखने के निर्देश दिए हैं. साथ ही उन जगहों पर एकजुट होकर कार्य करने के निर्देश दिए हैं, जहां समस्या ज्यादा आती है.
क्या कहते हैं अधिकारी
जल निगम के महाप्रबंधक आर के वर्मा ने बताया कि सर्दियों के मौसम में शहरवासियों को पानी की किल्लत न हो, इसके लिए बैठक कर तैयार रहने के निर्देश दिए हैं. इसके अलावा जिन पेयजल स्त्रोतों पर बिजली की आपूर्ति बाधित रहने से पम्पिंग प्रक्रिया में बाधा आती है, उसके लिए भी बिजली विभाग को पत्र लिखकर बिजली की आपूर्ति सुचारु रखने को कहा है.
शहर की सभी पेयजल परियोजनाओं से मिला मात्र 24.83 एमएलडी पानी
शिमला में इन दिनों पानी की किल्लत चल रही है. इससे शहरवासियों को तीसरे दिन पानी की आपूर्ति हो रही है. गुरुवार को विभिन्न पेयजल परियोजनाओं से मात्र 24.83 एमएलडी पानी की आपूर्ति हो पाई है, जो आधे शहर के लिए भी नाकाफी है. शहर में रोजाना 45 एमएलडी पानी की आवश्यकता रहती है, लेकिन पेयजल परियोजनाओं से पानी की पर्याप्त आपूर्ति न होने से एक बार फिर से शहर में पेयजल किल्लत गहरा गया है, जिसके चलते शहरवासियों को तीसरे और चौथे दिन पानी के लिए इंतजार करना पड़ रहा है.
क्यों नहीं आ रहा है पानी?
जल निगम के अधिकारियों का कहना है कि बिजली बाधित रहने से पम्पिंग प्रक्रिया प्रभावित हुई है, जिससे आधे शहर में ही पानी की आपूर्ति हो पा रही है. गुरुवार को बड़ी पेयजल परियोजनाओं से मात्र 15 एमएलडी पानी की आपूर्ति हो पाई है. गुम्मा पेयजल परियोजना से 10.50 एमएलडी, गिरी से 5.35 एमएलडी चुरट से 3.40 सियोग से 0.19 चेयड से 0.47 और कोटी बरांडी से 4.92 एमएलडी पानी की आपूर्ति हो पाई है, जिससे शहर के आधे क्षेत्र में ही पानी की आपूर्ति हो पाई है, जबकि आधा शहर पानी की किल्लत से जूझ रहा है. ऐसे में जल निगम द्वारा रोजाना पानी की आपूर्ति करने के दावे पूरी तरह से फेल होते दिखाई दे रहे हैं, अगर बिजली और जल निगम की लुकाछुपी का खेल ऐसे ही चलता रहा तो सर्दियों के मौसम में शहरवासियों को पानी की किल्लत से जूझना पड़ेगा.
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