केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने किया सात सदस्यीय समिति का गठन, दवाइयों का डाटाबेस तैयार करेगी सरकार

Update: 2022-11-30 12:29 GMT
बीबीएन
गुणवत्ता पूर्ण दवा निर्माण को बढ़ावा देने और निगरानी तंत्र को मजबूत करने के मकसद से केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय एक डाटाबेस तैयार करने जा रहा है। इसे नेशनल ड्रग्स डाटाबेस के नाम से जाना जाएगा । केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने इसके लिए सात सदस्यीय समिति का गठन किया है, जिसमें एशिया का फार्मा स्युटिकल हब बन चुके हिमाचल को भी प्रतिनिधित्व दिया गया है । राज्य दवा नियंत्रक नवनीत मारवाह इस समिति के सदस्य होंगे। यह समिति देश में निर्मित की जा रही दवा से लेकर बेची जा रही हर दवा का डाटाबेस तैयार करने के लिए सिफारिशें देगी। ड्रग कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया वीजी सोमानी के हवाले से जारी पत्र में निगरानी की व्यवस्था को सशक्त करने के लिए देश में निर्मित और बेची जा रही तमाम दवाओं का एक विस्तृत डाटाबेस की जरूरत का जिक्र किया गया है। इस डाटाबेस में दवा की खुराक की विस्तृत जानकारी के साथ साथ इसके निर्माता/ विक्रेता/ आयातक की भी जानकारी होगी।
इस कवायद को सिरे चढ़ाने के लिए सात सदस्यीय समिति का गठन किया गया है, जिसके नामित सदस्यों में गुजरात फूड एंड ड्रग कंट्रोल एडमिनिस्ट्रेशन के कमिश्नर डा. एचडी कोशिया, सीडीएससीओ के संयुक्त दवा नियंत्रक एके प्रधान, दिल्ली एम्स से डा. पूजा गुप्ता, भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद के वैज्ञानिक डा. जेरियन जोस, महाराष्ट्र फूड एंड ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन के संयुक्त कमिश्नर डीआर गहाने, कर्नाटक के स्टेट ड्रग कंट्रोलर बीटी खानापुरे और हिमाचल प्रदेश के स्टेट ड्रग कंट्रोलर नवनीत मारवाह शामिल हैं। इस समिति को तीन महीने में अपनी सिफारिशें सौंपने को कहा गया है। प्रदेश में 650 से अधिक दवा विनिर्माण इकाईयां स्थापित हैं, जिनका देश के निर्यात में सात प्रतिशत और उत्तरी क्षेत्र से निर्यात में 45 प्रतिशत का योगदान है। राज्य दवा नियंत्रक नवनीत मारवाह ने बताया कि यह समिति दवाओं पर एक डाटाबेस तैयार करेगी जिसमें दवा की खुराक की निर्माता/ विक्रेता आयातक की भी जानकारी होगी। (एचडीएम)
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