हाटी मामले में राजनीति करने वाले होंगे बेनकाब, केंद्रीय हाटी समिति की शिमला इकाई का ऐलान

Update: 2022-08-08 07:09 GMT
शिमला
हाटी के मामले में राजनीतिक रोटियां सेंकने वालों की अब खैर होगी। केंद्रीय हाटी समिति की शिमला इकाई ने यह ऐलान किया है। पर्दे के पीछे राजनीति करने और समाज को बांटने वाली ताकतों को बेनकाब किया जाएगा। इकाई के अध्यक्ष प्रदीप सिंगटा और मुख्य प्रवक्ता डा. आरएस सिंगटा शिमला में पत्रकारों को संबोधित करते हुए बोल रहे थे। उन्होंने कहा कि गिरिपार में महाखुमलियों यानी महापंचायतों का दौर फिर से तेज होगा। हाल ही में आंजभोज के टोंरू में महाखुमली हुई थी। यह क्षेत्र पांवटा विधानसभा क्षेत्र में आता है। वहां सभी राजनीतिक दलों से जुड़े लोगों ने भाग लिया। उन्होंने कहा कि अब अगली महाखुमली 21 अगस्त को संगड़ाह में होगी। इसमें हजारों लोगों के भाग लेने की संभावना है। इससे पहले चौथी बड़ी महाखुमली वहां हुई थी। अब पांचवीं होगी। उन्होंने आरोप लगाया कि कुछ नेता पर्दे के पीछे रहकर लोगों को बांट रहे हैं और जल्द ही ऐसे नेताओं का घेराव होगा। उन्होंने उम्मीद जताई कि केंद्र हाटी समुदाय को जल्द ही जनजातीय क्षेत्र का दर्जा देगी।
यह मामला अब निर्णायक मोड़ पर पहुंच गया है। 55 वर्षों के आंदोलन के बाद पहली बार बीते अप्रैल महीने में हाटी की रजिस्ट्रार जनरल आफ इंडिया यानी आरजीआई में रजिस्ट्रेशन हुई। हाटी समिति की शिमला इकाई के पदाधिकारियों ने उम्मीद जताई कि केंद्र सरकार जल्द ही तीन लाख लोगों को बड़ी राहत देगी। उन्होंने कहा कि शिलाई में हुई महाखुमली में नेताओं ने बड़े-बड़े दावे किए थे। उन्होंने कहा था कि वे हाटी आंदोलन के पक्षधर हैं और अगर गिरिपार को जनजातीय क्षेत्र का दर्जा न मिला तो वे अपने पदों से त्यागपत्र दे सकते हैं। उन्होंने कोई भी कुर्बानी देने की बात कही थी। लेेकिन जैसे ही यह मामला आगे बढ़ा और सुलझता हुआ दिखा तो ये नेता अपना वादा भूल गए। इस मौके पर शिमला इकाई के एचपीयू के रिसर्च स्कोलर विंग के संयोजक आत्मा राम भिल्टा, रोशन लाल शर्मा, पदाधिकारी कपिल चौहान, मदन तोमर, बंसी राम ठाकुर, सुरेश ठाकुर व गोपाल ठाकुर आदि मौजूद रहे।

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