इस बार रक्षाबंधन पर भद्रा का साया, जानिए विस्तार से…
रक्षाबंधन पर भद्रा का साया
रोनहाट। भाई बहन के प्यार का मनाया जाने वाला त्योहार रक्षाबंधन पर इस माह 11 अगस्त को भद्रा का साया पडऩा है। जिला सिरमौर के गिरिपार क्षेत्र के प्रसिद्ध पंडित खडक़ान्ह निवासी रमेश शर्मा पाबूच ने बताया कि रक्षाबंधन को लेकर बहन द्वारा भाई की कलाई पर राखी बांधने का सबसे शुभ समय शास्त्र मुहर्त के अनुसार 11 बजकर 40 मिनट से 12 बजकर 29 मिनट तक रहेगा, क्योंकि सुबह सात बजकर 15 मिनट से आठ बजकर 15 मिनट यानी पूरे एक घंटे तक भद्रा रहेगी, जबकि इसी दिन दोपहर बाद दो बजकर 14 मिनट से तीन बजे तक विजय मुहर्त है।
इस समय पर भी बहन भाई को राखी बांध सकती है और पांच बजकर 17 मिनट से छह बजकर 16 मिनट तक भी भद्रा की पूंछ का समय निर्धारित है। उस समय भी राखी बांधना उचित है, जबकि शाम छह बजकर 16 मिनट से आठ बजे तक भद्रा का मुख है और समय बिल्कुल अशुभ है, जबकि शाम आठ बजकर 30 मिनट से नौ बजे तक रात को भी राखी बांध सकते हैं, लेकिन रात को कोई लोग राखी बांधना उचित नहीं समझते, क्योंकि पाताल लोक की भद्रा होने के कारण मृत्यु लोक तक इसका भी कोई असर नहीं होता है। दूसरे दिन 12 अगस्त को सुबह सात बजकर पांच मिनट से पहले भी राखी बांध सकते हैं।
आपको बता दें कि रक्षाबंधन पर भद्राकाल में राखी नहीं बांधनी चाहिए। इसके पीछे एक पौराणिक कथा भी है। लंकापति रावण की बहन ने भद्राकाल में ही उनकी कलाई पर राखी बांधी थी और एक वर्ष के अंदर रावण का विनाश हो गया था। भद्रा शनिदेव की बहन थी। भद्रा को ब्रह्मा जी से यह श्राप मिला था कि जो भी भद्रा में शुभ या मांगलिक कार्य करेगा, उसका परिणाम अशुभ होगा।