जयराम ठाकुर ने कहा कि विपक्ष कहता है कि अभिभाषण झूठ का पुलिंदा है, पर कारण तो बताओ। हमने गृहिणी सुविधा योजना के जरिए तीन लाख से ज्यादा रसोई गैस सिलेंडर दिए। कोई गरीब पैसे के अभाव में बिना इलाज न मरे इसके लिए मुख्यमंत्री हिम केयर योजना शुरू की। आज 2.27 लाख लोगों को 212 करोड़ का इलाज नि:शुल्क मिला है। गरीब बेटियों की शादी के लिए शगुन योजना के तहत 31000 रुपए सरकार दे रही है। मुख्यमंत्री सहारा योजना ऐसी बीमारियों से पीडि़त लोगों के लिए शुरू की गई, जो खुद को भी नहीं संभाल सकते और बीमारी पूरी उम्र की है। इन्हें हर महीने 3000 सरकार देती है और अब तक 18218 लोगों को यह दी जा रही है। इसके लिए कांग्रेस विधायक आशा कुमारी और इंद्रदत्त लखनपाल ने भी मुख्यमंत्री को बधाई दी कि यह सच में नेक काम है।
2231 युवाओं की मदद
मुख्यमंत्री स्वावलंबन योजना से जिसमें अब तक 2231 युवाओं की सरकार ने मदद की है। ग्लोबल इन्वेस्टर मीट करने का लक्ष्य भी यही था कि निजी क्षेत्र को हिमाचल के विकास और रोजगार में भागीदार बनाया जाए। पहली ग्राउंड ब्रेकिंग के 13000 करोड़ में से 95 फीसदी राशि के उद्योग जमीन पर उतर गए हैं और 18000 करोड़ की दूसरी ग्राउंड ब्रेकिंग मंडी में हुई है। जयराम ठाकुर ने कहा कि हमारी सरकार ने कांग्रेस की तरह नहीं किया कि 4 साल मस्ती की और पांचवें साल स्कूल, कालेज और अस्पताल खोलने पर जोर दिया।
कभी हम, कभी कोई औेर
मुख्यमंत्री ने कहा कि सत्ता कभी एक व्यक्ति के लिए नहीं होती, न सिर्फ एक पार्टी के लिए होती है। यह गलतफहमी मुझे नहीं है। कभी हम सत्ता में होंगे, कभी कोई और होगा। लेकिन महत्त्व इस चीज का है कि जब हम सत्ता में थे तो हमने किया क्या? मैंने बहुत सोचने की कोशिश की कि पूर्व कांग्रेस सरकार के दौरान कोई ऐसी एक योजना जो लोगों को याद हो, लेकिन आज एक भी याद नहीं है, क्योंकि कांग्रेस के पूर्व सरकार में ऐसी कोई योजना बनी ही नहीं। उनकी सरकार ने पहली ही कैबिनेट में एक तरफ बुजुर्गों को पेंशन देने का फैसला किया।
सिंघा ने की सीएम की तारीफ
राज्यपाल अभिभाषण की खामियों पर सरकार पर जोर-शोर से बरस रहे माकपा विधायक राकेश सिंघा ने भी अचानक मुख्यमंत्री की तारीफ कर सबको चौंका दिया। राकेश सिंघा ने कहा कि मुख्यमंत्री जी मैं आपका एक अलग वजह से सम्मान करता हूं। विचार की लड़ाई अलग है, लेकिन आप एक गरीब घर से इस पद तक पहुंचे हैं, जो बड़े घरों और महल में पैदा हुए हैं। उनको आम लोगों की दुख तकलीफ कम समझ आती है, लेकिन आपके साथ ऐसा नहीं है।
अवैध खनन पर वाकआउट
मुख्यमंत्री अवैध खनन को लेकर चिंतित दिखे। उन्होंने खुद माना कि अवैध खनन को रोकने के लिए हमने माइनिंग पोस्ट लगाने का यह प्रयोग किया था लेकिन वह प्रयोग भी अपना रिजल्ट नहीं दे पाया, क्योंकि खनन करने वालों ने अलग-अलग रास्ते बना लिए। राज्य सरकार ने अवैध खनन रोकने के लिए कानून को कड़ा किया है और सजा भी बढ़ाई है, लेकिन इसके बावजूद नतीजे नहीं मिल रहे। और विकल्पों पर भी राज्य सरकार काम करेगी। इसी बीच नेता प्रतिपक्ष मुकेश अग्निहोत्री ने सीएम से पूछा कि पुलिस महानिदेशक ने ऊना में बयान दिया था कि पुलिस अवैध खनन में कार्रवाई नहीं कर सकती? इसके बाद कोई माइनिंग माफिया को ऊना में नहीं पूछा रहा। कांग्रेस विधायक आशा कुमारी ने भी यह सवाल किया कि खनन में पुलिस का रोल क्या है? सुखविंद्र सुक्खू ने डिमांड की कि खनन को रोकने के लिए एक सख्त एक्ट लाएं और इसी सत्र में इसे पारित किया जाए। इससे सरकार की मंशा भी साफ हो जाएगी। सीएम ने जवाब दिया कि पूर्व सरकार में तो सरकार के ही लोग माइनिंग माफिया को चला रहे थे। इससे दोनों ओर से बहस बढ़ी और नारेबाजी के साथ विपक्ष वाकआउट कर गया।