केंद्रीय कैबिनेट की मंजूरी से खत्म हुआ हाटी समुदाय का पांच दशक का इंतजार, गिरिपार को जनजातीय दर्जा

हिमाचल में सिरमौर जिला की ट्रांसगिरि क्षेत्र की करीब 1.60 लाख आबादी को ट्राइबल स्टेटस मिल गया है।

Update: 2022-09-15 03:03 GMT

न्यूज़ क्रेडिट : divyahimachal.com 

जनता से रिश्ता वेबडेस्क। हिमाचल में सिरमौर जिला की ट्रांसगिरि क्षेत्र की करीब 1.60 लाख आबादी को ट्राइबल स्टेटस मिल गया है। यह खुशखबरी बुधवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में हुई केंद्रीय मंत्रिमंडल की बैठक के बाद मिली। दिल्ली में कैबिनेट के बाद ब्रीफिंग के दौरान सूचना एवं प्रसारण मंत्री अनुराग ठाकुर और केंद्रीय जनजातीय मामले मंत्री अर्जुन मुंडा ने संयुक्त रूप से यह जानकारी दी। इसके साथ ही गिरिपार क्षेत्र का पांच दशक पुराना संघर्ष समाप्त हो गया है। दरअसल 1967 में उत्तराखंड के जौनसार बाबर एरिया को ट्राइबल स्टेटस मिलने के बाद इसी के साथ लगते गिरिपार को भी यह दर्जा मिलना था, लेकिन कई अड़चनों के कारण ऐसा नहीं हो पाया। 2005 में जब इस मामले को पहली बार आधिकारिक तौर पर भेजा गया तो यह रिजेक्ट हो गया था, लेकिन वर्तमान जयराम सरकार के दौरान 2018 से इस मामले को पुख्ता रूप से केंद्र सरकार के सामने रखा गया और फिर हुए नए सर्वे से इस मांग को पूरा करने का रास्ता खुला। मुख्यमंत्री ने चार अगस्त 2018 को केंद्रीय गृहमंत्री और केंद्रीय जनजातीय मामलों के मंत्री से यह मामला उठाया था।

इसके बाद ही केंद्र से इस विषय पर ताजा एथनॉग्राफिक प्रस्ताव मांगा गया। एथनॉग्राफी का मतलब है किसी समुदाय के रहन-सहन, खान-पान, संस्कृति और परंपराओं का अध्ययन। हिमाचल सरकार ने नया एथनॉग्राफिक प्रस्ताव तैयार करके केंद्रीय जनजातीय मामलों के मंत्रालय को भेजा। मुख्यमंत्री ने फिर 10 मार्च, 2022 को केंद्रीय गृहमंत्री को पत्र भेजकर आग्रह किया कि रजिस्ट्रार ऑफ इंडिया को हाटी समुदाय को अनुसूचित जनजाति का दर्जा देने के प्रस्ताव पर विचार करने के निर्देश दें। मुख्यमंत्री ने इस संबंध में 11 मार्च, 2022 को केंद्रीय गृहमंत्री से भेंट भी की। इसके बाद अप्रैल 2022 में रजिस्ट्रार जनरल ऑफ इंडिया ने ट्रांसगिरि क्षेत्र में रहने वाले हाटी समुदाय को अनुसूचित जनजाति में शामिल करने की सहमति दे दी और बुधवार को केंद्रीय कैबिनेट ने ट्रांसगिरि क्षेत्र में रहने वाले हाटी समुदाय को अनुसूचित जनजाति का दर्जा देने को मंजूरी दे दी है। (एचडीएम)
मुख्यमंत्री ने प्रधानमंत्री का जताया आभार
मंडी। मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने सिरमौर जिला के ट्रांस गिरी क्षेत्र के लोगों को अनुसूचित जनजाति का दर्जा प्रदान करने के लिए केंद्र सरकार और विशेष तौर पर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का आभार व्यक्त किया। मुख्यमंत्री ने कहा कि इस ऐतिहासिक निर्णय से सिरमौर जिला की 1.60 लाख से अधिक की आबादी लाभान्वित होगी।
भाजपा राष्ट्रीय अध्यक्ष जगत प्रकाश नड्डा ने हिमाचल में हाटी समुदाय को अनुसूचित जनजाति का दर्जा दिए जाने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का आभार जताया है। श्री नड्डा ने कहा कि इस फैसले सेे पता चलता है की प्रधानमंत्री मोदी का हिमाचल से विशेष लगाव है। नरेंद्र मोदी ने हिमाचल को बल्क ड्रग पार्क, एम्स जैसे बड़े तोहफे दिए हैं। प्रधानमंत्री की अध्यक्षता में केंद्रीय मंत्रिमंडल ने संविधान अनुसूचित जनजाति आदेश तीसरा संशोधन विधेयक, 2022 नामक एक विधेयक को संविधान में कुछ संशोधन अनुसूचित जनजाति आदेश, 1950 करने के लिए संसद में पेश किए जाने की मंजूरी दी है, ताकि हिमाचल प्रदेश की अनुसूचित जनजाति एसटी की सूची को संशोधित किया जा सके।
विधेयक के अधिनियम बनने के बाद, हिमाचल प्रदेश की अनुसूचित जनजाति की संशोधित सूची के नए सूचीबद्ध समुदायों के सदस्य भी सरकार की मौजूदा योजनाओं के तहत अनुसूचित जनजातियों का लाभ प्राप्त करने में सक्षम होंगे। इस तरह की कुछ प्रमुख योजनाओं में मैट्रिक के बाद छात्रवृत्ति, राष्ट्रीय प्रवासी छात्रवृत्ति, राष्ट्रीय फैलोशिप, उच्च श्रेणी की शिक्षा, राष्ट्रीय अनुसूचित जनजाति वित्त और विकास निगम से रियायती ऋण, अनुसूचित जनजाति के लडक़ों और लड़कियों के लिए छात्रावास आदि शामिल हैं। इसके अलावा सरकारी नीति के अनुसार सेवाओं में आरक्षण और शैक्षणिक संस्थानों में प्रवेश के लाभ के हकदार होंगे।
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