Shimla,शिमला: जिला को टीबी मुक्त बनाने के लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए हर वर्ष 24 मार्च को विश्व क्षय रोग दिवस World Tuberculosis Day पर शिमला की प्रत्येक पंचायत में जागरूकता कार्यक्रम आयोजित किया जाएगा। आज यहां जिला क्षय रोग फोरम तथा जिला क्षय रोग सह-रुग्णता एवं जिला क्षय रोग समिति की बैठक की अध्यक्षता करते हुए उपायुक्त अनुपम कश्यप ने कहा कि टीबी मुक्त पंचायत अभियान के तहत पंचायत स्तर पर प्रयास किए जा रहे हैं। उन्होंने स्वास्थ्य विभाग, गैर सरकारी संगठनों तथा प्रशासन को लक्ष्य प्राप्त करने के लिए अथक प्रयास करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि सरकारी कार्यालयों में इस रोग के बारे में जागरूकता फैलाई जाए तथा जिले के निजी अस्पतालों को भी अभियान में शामिल किया जाए। स्वास्थ्य अधिकारियों ने उन्हें बताया कि जिले में टीबी के 1,080 मामले हैं।
इनमें से 88.2 प्रतिशत रोगियों का उपचार किया जा चुका है, जबकि 60 रोगियों की मृत्यु हो चुकी है। जिले में जुब्बल तथा नेरवा में दो सीबीनॉट मशीनें उपलब्ध करवाई गई हैं, इसके अलावा जिले के प्रत्येक ब्लॉक में एनओटी सुविधा शुरू की गई है। टीबी मुक्त ग्राम पंचायत अभियान के तहत एक साल में 1000 लोगों की आबादी में से कम से कम 30 लोगों की टीबी जांच करवाना अनिवार्य होगा और एक साल में एक से अधिक जांच पॉजिटिव नहीं होनी चाहिए। टीबी मुक्त पंचायत को जिला स्तर पर प्रमाण पत्र दिया जाएगा। जिले में 1 अगस्त से जैपीगो का प्रोजेक्ट टीबी इंप्लीमेंटेशन फ्रेमवर्क एग्रीमेंट (टीफा) शुरू किया जाएगा। इसके तहत जिले के हर मेडिकल स्टोर के केमिस्ट को कफ सिरप खरीदने वाले व्यक्ति का डाटा टीबी मुक्त हिमाचल एप पर अपलोड करना होगा। फिर सात दिन बाद उस व्यक्ति के पास ऑटोमेटिक कॉल आएगी कि वह ठीक हो गया है या नहीं तो उसे टीबी की जांच करानी होगी।