पालमपुर: जोगिंद्रनगर का 110 मेगावाट का शानन बिजली घर 1925 में अंग्रेजों के समय बनाया गया था। उस समय जोगिंद्रनगर मंडी रियासत का हिस्सा था। 1966 मे पंजाब पुनर्गठन के कानून में दो महत्त्वपूर्ण धाराएं थीं। एक धारा के अनुसार पुनर्गठन के बाद साझे पंजाब की जो संपत्ति जिस नए प्रदेश में स्थित होगी, उस पर उसी प्रदेश का अधिकर होगा। शानन बिजली घर साझे पंजाब की संपत्ति थी। इसलिए 1966 में ही यह बिजली घर हिमाचल प्रदेश को मिल जाना चाहिए था। यह बात पूर्व मुख्यमंत्री शांता कुमार ने कही। उन्होंने कहा कि पंजाब पुनर्गठन कानून में एक और धारा थी, जिसके अनुसार नया पुनर्गठित प्रदेश जब अपना बिजली बोर्ड बना ले, तो उस नए प्रदेश में साझे पंजाब की बिजली योजना नए प्रदेश को मिलेगी।
पुनर्गठन के बाद हिमाचल प्रदेश में बिजली बोर्ड का गठन 1971 में कर दिया। पुनर्गठन कानून के बाद इस धारा के अनुसार भी शानन बिजली घर हिमाचल प्रदेश को मिलना चाहिए था। हिमाचल प्रदेश के साथ लगाातार लंबे समय से यह अन्याय हो रहा है। शांता कुमार ने कहा कि 1978 में मुख्यमंत्री बनने पर तत्कालीन प्रधानमंत्री मोरार जी देसाई के साथ उन्होंने यह मामला उठाया था। शांता कुमार ने मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू और केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर से आग्रह किया है कि वे विपक्ष के नेता जयराम ठाकुर को साथ लेकर दिल्ली जाएं और इस विषय को लेकर प्रधानमंत्री से मिलें। उन्होंने राष्ट्रीय अध्यक्ष जगत प्रकाश नड्डा से भी आग्रह किया है कि वह भी प्रधानमंत्री से मिलें। हिमाचल प्रदेश को अब इस अन्याय को और अधिक सहन नहीं करना चाहिए।