शिमला। नगर निगम चुनाव के आरक्षण रोस्टर को हाईकोर्ट के समक्ष चुनौती दी गई है। याचिकाकर्ता किमी सूद की याचिका पर कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश की अध्यक्षता वाली खंडपीठ के समक्ष इस मामले पर सुनवाई सोमवार को होगी। याचिका में आरोप लगाया है कि आरक्षण रोस्टर के मापदंड गैर-कानूनी हैं। किसी जाति, लिंग और धर्म विशेष के आधार पर आरक्षण के लिए मापदंड तय करना संविधान के विपरीत है। आरोप है कि आरक्षण रोस्टर में महिलाओं की कम जनसंख्या वाले वार्डों को महिलाओं के लिए आरक्षित किया गया है। इसके अलावा 3 वार्ड अनुसूचित जाति की महिलाओं के लिए आरक्षित हैं। 14 वार्ड अनारक्षित कर दिए हैं। रोस्टर के अनुसार भराड़ी, समरहिल, बालूगंज, जाखू, बैनमोर, इंजनघर, अपर ढली, शांति विहार, भट्ठाकुफर, सांगटी, छोटा शिमला, कंगनाधार, पटयोग और कनलोग वार्ड अनारक्षित हो गए हैं। इस बार इन वार्डों से पुरुष उम्मीदवार भी चुनाव मैदान में उतर सकेंगे।